- आज से नए संसद भवन में होगी कार्यवाही
- पहले दिन PM Modi ने संसद को किया संबोधित
- पांच दिवसीय विशेष सत्र का आज दूसरा दिन
Parliament Special Session 2023 LIVE: देश की नई संसद बनकर तैयार हो गई है। बीते दिन 18 सितंबर को लोकसभा में आखिरी संसद सत्र संपन्न हुई। लोकसभा में आज महिला आरक्षण बिल पेश किया जाएगा। पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने लोकसभा को संबोधित किया। आज से बनी नए संसद भवन में कामकाज शिफ्ट होगा। प्रधानमंत्री मोदी संविधान की कॉपी लेकर पुरानी संसद से नई संसद तक पैदल जाएंगे।
मिली जानकारी के मुताबिक पीएम ने कहा कि इस सत्र में कई ऐतिहासिक फैसले होने वाले हैं। मिली जानकारी के मुताबिक कानून मंत्री लोकसभा में इस बिल को पेश करेंगे। महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है। कांग्रेस ने महिला आरक्षण विधेयक को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिलने का स्वागत करते हुए सोमवार को कहा कि सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा कर आम सहमति बनाई जा सकती थी।
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नए संसद भवन के सेंट्रल हाल में होगा विशेष कार्यक्रम
नए संसद भवन में आज से संसदीय कार्यवाही शुरू होगी। उससे पहले, सेंट्र्ल हॉल में एक विशेष कार्यक्रम होगा। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी, राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी शामिल होंगे।
कानून मंत्री नई संसद में पेश करेंगे बिल
महिला आरक्षण बिल आज लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल पेश करेंगे। बिल को सदन में पारित कराने के लिए कल 20 सितंबर को चर्चा होगी। लोकसभआ से बिल पास होने के बाद यह बिल 21 सितंबर को राज्यसभा में पेश होगा। महिला आरक्षण बिल पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के सांसद अनिल देसाई ने कहा, ‘कई दशकों से इसकी मांग चल रही थी। महिला आरक्षण की मांग काफी समय से थी और कई सत्ताधीशों ने इसका प्रयास भी किया था। कैबिनेट से इसको मंजूरी मिली है। और आज या कल यह बिल नई संसद में पेश होगा। यह लोकतंत्र को और मजबूत बनाने में अच्छा कदम रहेगा।
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सांसद रंजीत रंजन ने कहा- यह कांग्रेस का बिल है
भाजपा आज लोकसभा यानी नई संसद में महिला आरक्षण बिल पेश करने जा रहा है। इस बिल के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव होगा। महिला आरक्षण बिल पर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि यह कांग्रेस का बिल है। इस बिल को कांग्रेस लेकर आई थी। मार्च 2010 में ये राज्यसभा से पास हो गया। रंजन ने बताया कि भाजपा को सत्ता में आए करीब 10 साल होने वाले है। उन्होंने चुनाव से ठीक पहले महिला आरक्षण विधेयक के बारे में क्यों सोचा। वे सत्ता पाना चाहते हैं, लेकिन अगर विधेयक सदन के सामने आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।
Our PM says he’s a crusader for women’s empowerment? Time for him to rise above party politics, walk-his-talk & have the Women’s Reservation Bill passed by Parliament. The Congress offers him its unconditional support.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 16, 2018
Attached is my letter to the PM. #MahilaAakrosh pic.twitter.com/IretXFFvvK
27 सालों से लंबित पड़ा था बिल
संसद के विशेष सत्र के पहले दिन केंद्रीय कैबिनेट ने महिला आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है। सबसे पहले 12 सितंबर 1996 को देश के प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा की सरकार ने 81वें संविधान संशोधन विधेयक के रूप में ससंद में महिला आरक्षण विधेयक को पेश किया था। उस समय यूनाइटेड फ्रंट की सरकार थी, जो 13 पार्टियों के साथ का गठबंधन था, लेकिन सरकार में शामिल जनता दल और अन्य कुछ की पार्टियों के नेता महिला आरक्षण के पक्ष में नहीं थे। इस विरोध की वजह से इस विधेयक को सीपीआई की गीता मुखर्जी की अगुवाई वाली संयुक्त समिति के समक्ष भेजा गया।