Pakistan Train Hijack: पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ, जब ‘जाफर एक्सप्रेस’ ट्रेन, जो क्वेटा से पेशावर जा रही थी, को बलूच आतंकवादियों ने हाईजैक कर लिया। ट्रेन में लगभग 400 यात्री सवार थे, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। यह घटना गुडलार और पीरू कुनरी के पहाड़ी इलाके में स्थित एक सुरंग के पास हुई, जब ट्रेन को घेर कर हमला किया गया। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने हमले की जिम्मेदारी ली।
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सुरक्षा बलों की कार्यवाही

सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक, हाईजैक के बाद तत्काल बचाव कार्य शुरू किया गया और अब तक 155 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। इनमें 58 पुरुष, 31 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं। बचाव कार्य में महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी गई। वहीं, सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में 27 आतंकवादियों को मार गिराया और कई अन्य को घायल कर दिया।
सुरंग में हाईजैक के बाद का संकट
ट्रेन के हाईजैक होने के बाद, पूरा इलाका पहाड़ियों और सुरंगों से घिरा हुआ था, जिससे बचाव कार्य में दिक्कतें आ रही थीं। बोलन जिले के पुलिस अधिकारी राणा मुहम्मद दिलावर के अनुसार, ट्रेन अभी भी बोलन दर्रे में खड़ी है, और यह क्षेत्र मोबाइल नेटवर्क से भी बाहर है। सुरंगों के भीतर होने के कारण सुरक्षा बलों को यात्री और आतंकवादियों दोनों के बीच संपर्क स्थापित करने में मुश्किलें आ रही हैं।
सुरक्षा बलों का घेराबंदी और ऑपरेशन जारी

सुरक्षा अधिकारियों ने कहा कि वे स्थिति पर नियंत्रण बनाए हुए हैं और ट्रेन में फंसे बाकी यात्रियों को भी जल्द ही सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा। सुरंग के भीतर मुठभेड़ लगातार जारी है, और सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है। अब तक 80 यात्रियों को पहले ही बचा लिया गया है, जिनमें 43 पुरुष, 26 महिलाएं और 11 बच्चे शामिल हैं।
पाकिस्तानी बलूचिस्तान में बढ़ते आतंकवादी हमले
बलूचिस्तान, जो पाकिस्तान का एक अशांत प्रांत है, इस प्रकार के हमलों का सामना करता रहा है। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जैसे समूह यहां के स्थानीय लोगों के अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं, और ऐसे हमलों से सरकार और सुरक्षा बलों के लिए चुनौती और बढ़ जाती है। इस मामले में भी आतंकवादियों ने ट्रेन को हाईजैक कर सुरक्षा बलों को चुनौती दी और यात्रियों को बंधक बना लिया।
अंतिम स्थिति और भविष्य की रणनीतियां

सुरक्षा बलों के प्रयासों के बावजूद, इस तरह के हमलों ने पाकिस्तानी सरकार के लिए सुरक्षा को लेकर नए सवाल खड़े कर दिए हैं। बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं, जबकि आतंकवादी संगठन लगातार इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।