Pakistan Protest: पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद (Islamabad) इस समय अशांति और तनाव का केंद्र बन चुकी है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) के समर्थक, जो उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं, और जनरल आसिम मुनीर (Asim Munir) के नेतृत्व वाली सेना के बीच हिंसक झड़पें जारी हैं। प्रदर्शनकारियों ने सभी बैरिकेड तोड़ते हुए राजधानी में प्रवेश कर लिया है। सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच डी चौक पर सबसे ज्यादा हिंसा देखी जा रही है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और पैलेट गन का इस्तेमाल किया है। इसके बावजूद प्रदर्शनकारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि प्रदर्शनकारियों ने चाइना चौक पर भी डेरा डाल दिया है।
तीन दिनों से जारी है प्रदर्शन, हालात बद से बदतर
इमरान खान की रिहाई के लिए यह विरोध प्रदर्शन पेशावर से शुरू हुआ था, जो अब इस्लामाबाद की सड़कों पर उग्र हो चुका है। प्रदर्शनकारियों ने राजधानी के कई हिस्सों को अव्यवस्थित कर दिया है। पाकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया है कि प्रदर्शनकारियों ने सेना के तीन जवानों को कुचलकर मार दिया है। इस्लामाबाद के डी चौक पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं। कई प्रदर्शनकारी और सुरक्षाकर्मी घायल हो गए हैं। पुलिस और सेना ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए मोर्चा संभाला हुआ है, लेकिन हालात अब तक नियंत्रण में नहीं हैं।
बुशरा बीबी के बयान ने भड़काया प्रदर्शन
इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी (Bushra Bibi) के तल्ख बयान ने इस विरोध प्रदर्शन को और उग्र कर दिया। उन्होंने ऐलान किया कि, “मैं डी चौक से वापस नहीं जाऊंगी। जो लोग यह सोचते हैं कि मैं पीछे हट जाऊंगी, वे गलतफहमी में हैं।” इसके साथ ही, उन्होंने सरकार के साथ किसी भी तरह की बातचीत से इनकार कर दिया। बुशरा बीबी के इस बयान के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा और भड़क गया। इसके चलते राजधानी में हिंसा और तेज हो गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, बुशरा बीबी के बयान के तुरंत बाद प्रदर्शनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
सुरक्षाबलों ने खाली कराया प्रदर्शन स्थल
कल मंगलवार रात को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने किसी तरह प्रदर्शन स्थल को खाली कराया। उपद्रव कर रहे प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई गईं, आंसू गैस के गोले दागे गए। इस आंदोलन का प्रतिनिधित्व कर रहीं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की पत्नी बुशरा बीबी और केपी के सीएम अली अमीन गंदापुर को भी मजबूरी में आकर प्रदर्शन स्थल छोड़ दिया है। हिंसक झड़पों में चार सुरक्षाकर्मियों और दो पीटीआई समर्थकों की मौत की पुष्टि की गयी है।
टीवी चैनलों पर भी किया हमला
प्रदर्शनकारियों ने हिंसा के दौरान निजी टीवी चैनलों के कार्यालयों पर भी हमला किया। सुरक्षाबलों ने स्थिति संभालने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी लगातार सरकार और सेना के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आगे बढ़ते जा रहे हैं। इस्लामाबाद के जिस क्षेत्र में प्रदर्शन हो रहे हैं, वहां कई देशों के दूतावास स्थित हैं। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पाकिस्तान की छवि प्रभावित हो रही है। प्रदर्शनकारियों की मौजूदगी और हिंसा के कारण आम जनता को काफी परेशानी हो रही है। पाकिस्तान के गृहमंत्री ने सुरक्षाबलों को हालात पर नियंत्रण पाने के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया है। सेना ने स्थिति संभालने के लिए पूरे इलाके को घेर लिया है और कार्रवाई तेज कर दी है।
‘ताकत की जंग’ का केंद्र बना इस्लामाबाद
विशेषज्ञों का मानना है कि यह विरोध प्रदर्शन केवल इमरान खान की रिहाई के लिए नहीं, बल्कि ताकत की जंग का नतीजा है। पाकिस्तान में राजनीतिक अस्थिरता और सेना के बढ़ते दखल के बीच यह प्रदर्शन एक बड़े संकट का संकेत दे रहा है। इस समय इस्लामाबाद जंग के मैदान में बदल चुका है, जहां सेना और इमरान समर्थकों के बीच टकराव से हालात दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जा रहे हैं। अगर स्थिति जल्द नहीं संभाली गई, तो यह संकट पाकिस्तान के राजनीतिक भविष्य पर गहरा असर डाल सकता है।