Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। पर्यटकों से भरी इस शांत और सुंदर घाटी में अचानक गोलियों की आवाज गूंज उठी, जिससे वहां सन्नाटा पसर गया। हमले में अब तक 28 लोगों की जान जाने की पुष्टि हो चुकी है, जिनमें दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। इसके अलावा 17 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। मृतकों में महाराष्ट्र से आए छह पर्यटक भी शामिल हैं, जिन्होंने इस खूबसूरत वादी को आखिरी बार देखा।
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व्यापारी की बेटी ने बयां की दिल दहला देने वाली आपबीती
बताते चले कि, इस हमले का सबसे मार्मिक पहलू पुणे के 54 वर्षीय व्यापारी संतोष जगदाले के परिवार के साथ घटित हुआ। संतोष, अपनी बेटी, पत्नी, दोस्त और रिश्तेदारों के साथ छुट्टियां मनाने पहलगाम आए थे। उनकी 26 वर्षीय बेटी आसावरी ने बताया कि आतंकियों ने उनके पिता को तंबू से बाहर खींचा और कलमा पढ़ने के लिए मजबूर किया। जब वह ऐसा नहीं कर पाए, तो आतंकियों ने उनके सिर, कान के पीछे और पीठ में गोलियां मार दी। संतोष वहीं ढेर हो गए। इसके बाद, उनके साथ लेटे उनके मित्र कौस्तुभ गणबोटे को भी गोलियों से भून दिया गया।
आतंकियों से छिपकर कुछ लोगों ने बचाई अपनी जान
आसावरी ने बताया कि कैसे वह, उनकी मां और एक महिला रिश्तेदार जान बचाकर पास के एक तंबू में छिप गईं। वहां पहले से ही छह-सात अन्य पर्यटक डरे हुए बैठे थे। सभी जमीन पर लेट गए, उन्हें लगा कि शायद सेना और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हो रही है। लेकिन वास्तविकता इससे कहीं अधिक भयावह थी। आतंकी स्थानीय पुलिस की तरह कपड़े पहनकर आए थे, जिससे उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो गया था।
पहलगाम क्लब में मिला प्राथमिक उपचार
हमले के बाद जो पर्यटक किसी तरह बच पाए, उन्हें स्थानीय ग्रामीणों और सुरक्षाबलों की मदद से पहलगाम क्लब पहुंचाया गया। वहां उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार दिया गया और उनके परिवारों से संपर्क साधा गया। इस भयावह हमले के बाद इलाके में सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है और आसपास के क्षेत्रों में सर्च ऑपरेशन शुरू हो चुका है। केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की है।
यह आतंकी हमला एक बार फिर इस बात की चेतावनी है कि पर्यटक स्थलों को निशाना बनाने वाले हमलावर किसी भी सीमा तक जा सकते हैं। बैसरन की यह खूबसूरत घाटी अब एक भयावह स्मृति बन गई है, जो हमेशा वहां गए लोगों के ज़हन में जिंदा रहेगी।
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