Pahalgam Attack: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हुई एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक में देश की सेना को यह स्पष्ट संदेश दिया कि उन्हें आतंकवाद के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए पूरी ‘ऑपरेशनल फ्रीडम’ दी गई है। उन्होंने कहा कि “यह हमारा राष्ट्रीय संकल्प है कि हम आतंकवाद को करारा जवाब देंगे।” प्रधानमंत्री मोदी ने देश की तीनों सेनाओं के पेशेवर रवैये और क्षमताओं पर पूरा विश्वास जताते हुए कहा, “हमारी सेनाएं तय करेंगी कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है।” यह जानकारी न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दी।
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आतंकी हमले के बाद की बैठक
यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद बुलाई गई थी, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, तीनों सेनाओं के प्रमुख, और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान शामिल हुए।
प्रधानमंत्री ने दी तीखी प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री ने पहले भी इस हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि जो भी इस हमले के पीछे है, उन्हें और उनके समर्थकों को बख्शा नहीं जाएगा। पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें ऐसी सजा दी जाएगी, जो उनकी कल्पना से भी परे होगी। आपको याद होगा कि…. इससे पहले मोदी सरकार ने 2016 में उरी हमले के बाद पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के बाद बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे निर्णायक कदम उठाए थे।
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हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम
पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं। इनमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना भी शामिल है। यह एक बड़ा कूटनीतिक और रणनीतिक निर्णय माना जा रहा है। इससे पहले दिन में, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने भी एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें तीनों अर्धसैनिक बलों के प्रमुख और दो अन्य सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। हालांकि बैठक का एजेंडा आधिकारिक रूप से सामने नहीं आया है।