Operation Sindoor: भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण हालात के बीच एक राहत भरी खबर सामने आई है। बीएसएफ के जवान कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू को पाकिस्तान ने 21 दिन बाद रिहा कर भारत को सौंप दिया है। साहू 23 अप्रैल 2025 को गलती से पाकिस्तानी सीमा में प्रवेश कर गए थे, जिसके बाद उन्हें पाकिस्तान की सेना ने हिरासत में ले लिया था। अब उनकी वापसी अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते हुई है।
बीएसएफ ने की पुष्टि, प्रेस रिलीज जारी कर दी जानकारी
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) ने कॉन्स्टेबल साहू की वापसी को लेकर आधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। इसमें कहा गया है, “आज कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार साहू अटारी-वाघा बॉर्डर से भारत लौट आए हैं। वह ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तानी सीमा में चले गए थे।”यह घटना ऐसे समय पर हुई जब भारत और पाकिस्तान के रिश्ते ऑपरेशन सिंदूर के चलते और अधिक तनावपूर्ण हो गए थे, लेकिन फिर भी पाकिस्तान ने साहू की रिहाई में सहयोग दिखाया।
पंजाब बॉर्डर से हुए थे लापता
कॉन्स्टेबल पीके साहू पंजाब के फिरोजपुर बॉर्डर से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे। उनकी मूल निवास पश्चिम बंगाल में है। साहू के लापता होने के बाद परिवार की चिंता बढ़ गई थी, खासकर उनकी पत्नी रजनी साहू काफी परेशान थीं। रजनी साहू ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात की थी, और अपने पति की रिहाई की अपील की थी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक संबंधों में बढ़ा तनाव
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को ही जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी. इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पीओके और पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस कार्रवाई से भारत-पाक के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया, लेकिन इसका असर साहू की रिहाई पर नहीं पड़ा।
कॉन्स्टेबल पीके साहू की सुरक्षित वापसी ने उनके परिवार और देश को राहत दी है। ऐसे वक्त में जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है, यह घटना मानवीय आधार पर सकारात्मक उदाहरण बनकर उभरी है। बीएसएफ ने जवान की वापसी सुनिश्चित करने के लिए जो प्रयास किए, वह सुरक्षा एजेंसियों की तत्परता और जिम्मेदारी का प्रमाण हैं।