Operation Sindhu:ईरान और इजरायल के बीच गहराते तनाव के चलते ईरान में रह रहे भारतीय छात्रों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए भारत सरकार ने त्वरित कार्रवाई की। इसी कड़ी में, 110 भारतीय छात्रों का पहला जत्था गुरुवार तड़के दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा। यह छात्र ईरान से सीमा पार कर अर्मेनिया पहुंचे थे, जहां से उन्हें विशेष उड़ान के जरिए भारत लाया गया।‘ऑपरेशन सिंधु’ के तहत भारतीय दूतावास द्वारा की गई इस व्यवस्था के जरिए मंगलवार को इन छात्रों को सुरक्षित अर्मेनिया पहुंचाया गया। वहां उन्हें अच्छे होटलों में ठहराया गया और भोजन सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
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परिजनों की आंखों में आंसू, चेहरे पर राहत की चमक
एयरपोर्ट पर अपने बच्चों का बेसब्री से इंतजार कर रहे माता-पिता की आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे। कई परिजन सरकार और अधिकारियों के इस त्वरित राहत अभियान के लिए आभार व्यक्त करते नजर आए।ईरान में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे माज हैदर के पिता हैदर अली ने कहा, “हम बेहद खुश हैं कि हमारे बच्चे सुरक्षित लौट आए हैं। भारत सरकार ने जो प्रयास किए, उसके लिए हम धन्यवाद देते हैं।”वहीं बुलंदशहर निवासी परवेज आलम, जो अपने बेटे समीर का इंतजार कर रहे थे, ने कहा, “स्थिति बहुत तनावपूर्ण थी। दो साल से बेटा उर्मिया में पढ़ रहा था। हालात बिगड़ते देख बहुत चिंता होने लगी। लेकिन भारत सरकार ने उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया। हम इसके लिए अत्यंत आभारी हैं।”
जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने जताया आभार
जम्मू और कश्मीर छात्र संघ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर का धन्यवाद करते हुए कहा कि यह राहत अभियान बहुत सराहनीय है। संगठन ने उम्मीद जताई कि जो छात्र अभी भी तेहरान में फंसे हैं, उन्हें भी जल्द निकाला जाएगा। उन्होंने सरकार से अपील की कि शेष छात्रों की भी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जाए।
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शेष छात्रों की जल्द वापसी की उम्मीद
भारतीय दूतावास और विदेश मंत्रालय लगातार इस संकटपूर्ण स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि शेष छात्रों को भी जल्द ही सुरक्षित निकाला जाएगा। ‘ऑपरेशन सिंधु’ की सफलता और सरकार की तत्परता ने न केवल छात्रों बल्कि उनके परिवारों के मन में विश्वास और राहत की भावना पैदा की है