प्याज के निर्यात पर 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाने का सरकार का हालिया निर्णय किसानों और उपभोक्ताओं के लिए महत्वपूर्ण है। इस फैसले के बाद अब किसान आसानी से अपनी प्याज विदेशों में बेच सकते हैं, जिससे उन्हें बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। सरकार ने यह कदम प्याज की बंपर फसल के मद्देनज़र उठाया है, जिससे घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें बहुत कम हो गई थीं। किसानों को भी इसका नुकसान हो रहा था क्योंकि उन्हें विदेशों में अपनी प्याज बेचने में कठिनाई हो रही थी।
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किसानों के लिए फायदा, बिक्री पर दबाव
इस फैसले से न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि विदेशों में भारत से प्याज के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही पाकिस्तान को अपनी प्याज की बिक्री में दिक्कत आ सकती है क्योंकि भारत अब सस्ती कीमतों पर प्याज निर्यात करेगा। भारत का प्याज का निर्यात 350 डॉलर प्रति टन की दर से होता है, जबकि पाकिस्तान इसे 280 डॉलर में बेचता है। इसके परिणामस्वरूप, अन्य देश भारत से प्याज खरीदने की ओर रुझान करेंगे, जिससे पाकिस्तान की प्याज की बिक्री पर दबाव पड़ेगा।

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प्याज की बंपर फसल पर सरकार ने दी राहत
भारत ने सितंबर 2024 में प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई थी, ताकि घरेलू बाजार में प्याज की कमी न हो। बाद में, जब प्याज की बंपर फसल आई, तो सरकार ने इसे घटाकर 20 प्रतिशत कर दिया। अब इस 20 प्रतिशत की ड्यूटी को हटा दिया गया है, जिससे किसान और व्यापारी दोनों को राहत मिलेगी।
भारत से प्याज की मांग बढ़ने की उम्मीद

भारत का कुल प्याज उत्पादन में 70-75 प्रतिशत हिस्सा रबी फसल का होता है, जो अक्टूबर-नवंबर तक बाजार में प्याज की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद करता है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, इस साल रबी फसल के दौरान प्याज का उत्पादन 227 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 192 लाख टन से 18 प्रतिशत अधिक है। इस उत्पादन में वृद्धि के कारण प्याज की कीमतें घरेलू बाजार में नियंत्रण में बनी रहने की संभावना है।
अब जब निर्यात शुल्क हट गया है, तो विदेशी बाजार में भारत से प्याज की मांग बढ़ने की उम्मीद है। इससे किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा और भारत की प्याज निर्यात बाजार में मजबूती आएगी। हालांकि, इस कदम के बाद घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें थोड़ी बढ़ सकती हैं, लेकिन इससे किसानों को लाभ होगा और वे अपनी फसल को उचित मूल्य पर बेच सकेंगे।