33 साल पहले हत्या मामले में 1 आरोपी की गिरफ्तारी दूसरे की तलाश जारी

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Madhya Pradesh: ग्राम मछरिया में 33 साल पहले हुई एक हत्या के मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा से दिए जाने के बाद वर्ष 2011 से फरार दो वारंटियों में से एक वारंटी को देवरी पुलिस ने इंदौर के पास मऊ रोड जाम गेट के पार्वती मंदिर से गिरफ्तार किया है. देवरी थाना क्षेत्र के ग्राम मछरिया में वर्ष 1991 में खेत में मवेशी घुसने को लेकर विवाद हुआ था, जिसमें मृतक बाबूलाल पिता चंद्रभान पचौरी 34 साल उम्मी उर्फ उमाशंकर पिता दशरथ तिवारी एवं हिबू उर्फ प्रभु दयाल पिता गया प्रसाद पचौरी ने मिलकर धारदार हथियार से देर रात में नदी के पास रास्ते में मौत के घाट उतार दिया था.

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13 साल बाद पुलिस ने एक आरोपी को पकड़ा

इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय एवं हाई कोर्ट द्वारा आरोपियों के पक्ष में फैसला कर दिया था. फरियादी पक्ष द्वारा उच्चतम न्यायालय दिल्ली में वर्ष 2007 में अपील की गई थी. 4 फरवरी 2011 में उच्चतम न्यायालय ने अपील को निरस्त करते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने का आदेश जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 20 मई 2011 से दोनों आरोपी फरार चल रहे थे।

उच्चतम न्यायालय द्वारा अनेकों बार वारंट जारी किए गए,लेकिन पुलिस द्वारा लापरवाही सामने आने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय एसके शर्मा द्वारा पुलिस अधीक्षक सागर को पत्र लिखा गया. पुलिस अधीक्षक सागर अभिषेक तिवारी ने हत्या के दोनों आरोपितों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने और वारंट तामील किए जाने के मामले में थाना प्रभारी देवरी को निर्देश दिये जिसमें से एक वारंटी को 13 साल बाद पुलिस ने गिरफ्तार किया है,वहीं दूसरे की तलाश जारी है।

दोनों आरोपियों के लिए एक टीम का गठन

थाना प्रभारी रोहित डोंगरे ने एसडीओपी देवरी के निर्देश में दोनों आरोपियों के लिए एक टीम का गठन किया जिसमें उप निरीक्षक अनिल कुजूर, आरक्षक मनीश ,आशीष, लवकुश को दोनों आरोपियों की तलाश के लिए मुखबिर तंत्र साइबर सेल के सौरभ रैकवार की मदद ली गई. जिसमें एक वारंटी हिब्बू उर्फ प्रभु दयाल पिता गया प्रसाद पचौरी उम्र 67 साल का सुराग लगने पर पुलिस टीम को इंदौर रवाना किया गया.

पुलिस टीम ने मऊ रोड स्थित जाम गेट के पास पार्वती मंदिर में पहुंचकर वहां पुजारी के रूप में नाम बदलकर रह रहे महंत प्रभु दत्त भारती की पहचान के बाद उनके दस्तावेज की जांच की और उसके बाद हिरासत में लेकर पूछताछ की. 13 साल से फरार वारंटी हिब्बू उर्फ प्रभु दयाल ने वर्ष 2019 में हुई घटना कार्य किए जाने का जुर्म कबूल कर लिया. थाना प्रभारी रोहित डोंगरे ने बताया कि 13 साल से फरार वारंटी को देवरी थाना लाया गया, जहां से जिला एवं सत्र न्यायालय सागर में पेश किया गया।

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बर्बादी के बाद फिर जेल की सजा

हत्या की आरोपित हिब्बू उर्फ प्रभु दयाल ने बताया बाबूलाल पचौरी की हत्या किए जाने का उन्हें दुख है. वह मेरे परिवार के रिश्तेदार थे और उम्मी उर्फ उमाशंकर तिवारी मेरा दोस्त था. दोस्ती के खातिर उन्होंने मिलकर यह घटना को अंजाम दिया था, जिसकी वजह उमाशंकर के खेत में अक्सर मवेशी घुसने से फसलों के नुकसान को लेकर विवाद होता रहता था. उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद मेरी पत्नी सरोज रानी 6 माह बाद दुखी होकर खत्म हो गई थी. मेरा एक लड़का है जो भोपाल में एक फैक्ट्री में काम करता है. हत्या की घटना के कारण उनके पैतृक ग्राम मछरिया में 15 एकड़ जमीन बिक गई और पूरी तरह से बर्बाद हो गया.

सजा सुनाए जाने के बाद फरार हो गया था आरोपी

हत्या को लेकर उसे अफसोस है और बार-बार कहता रहा कि मुझसे यह गलत काम हो गया था। जिसका पश्चाताप करने के लिए वह नर्मदा परिक्रमा करके मंदिर रहकर भगवान की भजन पूजन में लग गया था. हिब्बू ने बताया कि हत्या के बाद चौरा गांव बहन के यहां चला गया था. जहां एक एकड़ जमीन खरीद कर खेती करने लगा था। जब उन्हें सजा सुनाए जाने की जानकारी मिली तब से वह फरार होकर नर्मदा परिक्रमा पर निकल गया था और नर्मदा परिक्रमा के बाद इंदौर के पास मऊ रोड स्थित जाम गेट के पार्वती मंदिर में पुजारी के भेष बदलकर जीवन यापन कर रहा था। उसने बताया कि उन्होंने उज्जैन कुंभ में श्री पंच देव जूना अखाड़ा में दीक्षा ली। जहां उनका नाम करण महंत प्रभु दत्त भारती हो गया और वहां के लोग महंत प्रभु दत्त भारती के नाम से जानते हैं।

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