किस दिन मनाया जाएगा गंगा दशहरा?जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त..

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Ganga Dussehra 2024: गंगा दशहरा का महत्व विशेष है, जो ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है. इस दिन को गंगा देवी के अवतरण के रूप में माना जाता है, जब वे भूमि पर आई थी. यह पर्व गंगा नदी के महत्व को याद दिलाने के लिए मनाया जाता है और लोग इस दिन नदी में स्नान करने और पूजा-पाठ करने का विशेष महत्व देते हैं. इस बार का गंगा दशहरा तब हो रहा है जब चार शुभ योग समान दिन पर बन रहे हैं, जो इस पर्व के महत्व को और भी विशेष बना रहें हैं.

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जानें गंगा दशहरा का शुभ मुहूर्त

इस बार गंगा दशहरा 16 जून, रविवार को है. ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 16 जून को रात 02 बजकर 32 मिनट से शुरू होगी और दशमी तिथि का समापन 17 जून को सुबह 04 बजकर 34 मिनट पर होगा. साथ ही इस दिन पूजन का समय सुबह 7 बजकर 08 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. इस साल गंगा दशहरा पर स्नान दान का समय रविवार, 16 जून को सुबह 04 बजकर 03 मिनट से लेकर 04 बजकर 43 मिनट तक रहेगा.

इस दिन बन रहे कई शुभ योग

आपको बता दे कि इस दिन पर कई शुभ योग बन रहे हैं जैसे सर्वार्थ सिद्धि, रवि, वरियान और अमृत सिद्धि योग. ये योग धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ के लिए अत्यधिक शुभ माने जाते हैं, जिससे इस पर्व का महत्व और भी विशेष होता है. लोग इस दिन पर गंगा नदी में स्नान करते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, जिससे उन्हें आशीर्वाद और शुभकामनाएं प्राप्त होती हैं.

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क्यों मनाया जाता है गंगा दशहरा का पर्व?

गंगा दशहरा का पर्व वास्तव में मां गंगा के अवतरण के रूप में मनाया जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगीरथ महाराज ने बहुत समर्थन के बाद ही गंगा माता को धरती पर लाने में सफलता प्राप्त की थी. इसी दिन को उनकी प्राप्त सफलता के रूप में याद करते हुए गंगा दशहरा के रूप में पूजा और आदर्श किया जाता है. इस दिन को भक्ति और पूजा के साथ मां गंगा के समर्पित किया जाता है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.

दान करने का क्या है महत्व ?

गंगा दशहरा के दिन दान करने का महत्व बहुत उच्च माना जाता है. इस दिन को धर्मिक दान देने और पुण्य कार्यों को करने के लिए विशेष माना जाता है. दान करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिल सकती है और उसकी कुंडली में बने ग्रह दोषों से भी छुटकारा मिल सकता है. इस दिन जल, अन्न, फल, वस्त्र, पूजन सामग्री, सुहाग सामग्री, नमक, तेल, गुड़ और स्वर्ण दान करने से व्यक्ति को बहुत उत्तम पुण्य की प्राप्ति होती है.

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शरबत पिलाने से अत्यंत पुण्य की प्राप्ति होती

इस दिन शरबत पिलाने से भी अत्यंत पुण्य की प्राप्ति होती है, जो धार्मिक और आध्यात्मिक उन्नति में मददगार होती है. इसलिए, गंगा दशहरा के दिन दान करने का महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है, जो व्यक्ति के उत्तम भविष्य और धार्मिक सिद्धि की दिशा में सहायक होता है. गंगा दशहरा के दिन पवित्र गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाने का विधान है. यदि आप गंगा के तट पर नहीं में असमर्थ हैं तो आस-पास के तालाब या नदी में भी मां गंगा का नाम लेकर डुबकी लगाई जा सकती है.

डुबकी लगाते समय इस मंत्र का करें उच्चारण

डुबकी लगाते समय ‘ऊँ नमः शिवायै नारायण्यै दशहरायै गंगायै नमः’ मंत्र का उच्चारण जरूर करें. आप चाहें तो घर में नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर भी स्नान कर सकते हैं. गंगा दशहरा के दिन दान करने का विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन दान-धर्म के कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है. इस दिन 10 चीजों का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है. पूजन सामग्री में भी 10 चीजों का इस्तेमाल करें. 10 प्रकार के ही फल और फूल का इस्तेमाल करें.

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