डॉक्टर्स डे के मौके पर डॉक्टर्स की इन सलाहों को अपनाकर स्वास्थ्य को रखे दुरुस्त

Mona Jha
By Mona Jha

 National Doctors Day 2024: प्रति वर्ष भारत में 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है, जिसे हम स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में काम करने वाले डॉक्टर्स की महत्त्वपूर्ण भूमिका को समर्पित करते हैं. इन डॉक्टर्स ने कोविड-19 महामारी के दौरान अपने जीवन की परवाह किए बिना हमारी सेवा में लगे रहकर हमें सुरक्षित रखने का काम किया. चलिए, डॉक्टर्स से सीखते हैं कुछ आसान हेल्थ टिप्स जो हमें स्वस्थ रहने में करेंगे मदद.

डॉक्टर्स को हमेशा से ही भगवान के समान समझा गया है, क्योंकि वे हमारे जीवन के रक्षक होते हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान, हमने उनकी इस अद्वितीयता को देखा, जिससे हमारे प्रति उनका सम्मान और गहरा हुआ. वे अपनी जान की परवाह किए बिना, मरीजों के जीवन की हिफ़ाज़तमें निरंतर काम करते रहे. घंटों तक पीपीई किट में पसीने में भी, उन्होंने अपने कर्तव्य को पूरा करने का निरंतर संकल्प दिखाया.आपको बता दे की भारत में हर साल 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है ताकि लोग डॉक्टर्स के महत्त्वपूर्ण योगदान और समाज में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका को समझ सकें. डॉक्टर्स हमें सेहतमंद रहने के लिए महत्त्वपूर्ण सलाह और दिशानिर्देश प्रदान करते हैं, जिससे हम बीमारियों से बच सकते हैं. इस अवसर पर हम आपके साथ अपनी रोजमर्रा की जीवनशैली में स्वस्थ रहने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव साझा कर रहे हैं.

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स्ट्रेंथ ट्रेनिंग जरूर करें

मरीजों से रोजमर्रा की बातचीत से मिले अनुभव के आधार पर, डॉ. राजीव गुप्ता (सी.के. बिरला अस्पताल, दिल्ली के इंटरनल मेडिसिन के निदेषक) बताते हैं कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बहुत महत्त्वपूर्ण है. इसलिए, रोजाना कम से कम 30-45 मिनट स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करनी चाहिए, जिसमें आपको विभिन्न शारीरिक हिस्सों पर ध्यान देना चाहिए.

साथ ही, डॉ. मनु बोरा (ACL विशेषज्ञ, प्रिस्टिन केयर) ने बताया कि स्ट्रेंथ ट्रेनिंग वर्तमान में कार्डियो की तुलना में ज़्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है. विशेषकर उन लोगों के लिए जो बढ़ती उम्र में हैं. इसके अलावा, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग कमर के साइज को कम करने में बेहद सहायक होती है और मांसपेशियों की कमी को भी दूर करने में मदद कर सकती है.

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इंटरमिटेंट फास्टिंग है बेहद मददगार

आपको बता दे की डॉ. गुप्ता और डॉ. बोरा, दोनों ही इंटरमिटेंट फास्टिंग को मेटाबॉलिक हेल्थ के लिए महत्त्वपूर्ण मानते हैं. उनके अनुसार, हफ्ते में तीन दिन 16 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग सेहत के लिए फायदेमंद हो सकती है. साथ ही, स्वस्थ आहार पर ध्यान देना भी उतना ही ज़रूरी है.

वे सुझाव देते हैं कि रोटी और चावल के पहले, अधिक सब्जियाँ और दाल का सेवन करें. इससे पेट भरा रहता है और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स की कम मात्रा में लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा, खाने में चीनी की मात्रा को कम करना बहुत ज़रूरी है. अगर संभव हो तो स्टीविया जैसे स्वीटनर का उपयोग करें, जिससे कई बीमारियों से बचाव में मदद मिल सकती है.

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योग को बनाएं जीवन का हिस्सा

रोजाना व्यायाम करना बेहद महत्त्वपूर्ण है. योग का प्राकृतिक विधान हमें शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों में लाभ प्रदान करता है. योग हमारे शरीर में लचीलापन बढ़ाने के साथ ही तनाव को भी कम करने में सहायक होता है. साथ ही, पूरी नींद लेना भी बहुत जरूरी है. रात में कम से कम 7-9 घंटे की नींद सेहतमंद रहने. अच्छे मूड में रहने और याददाश्त को मज़बूत करने में मदद करती है.

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