Maharashtra Assembly Election Results 2024: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजों ने एक बार फिर महायुति गठबंधन की ताकत को साबित कर दिया है. इस बार महायुति गठबंधन (Mahayuti alliance) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) को करारी शिकस्त दी. भाजपा के साथ शिवसेना और राकांपा (अजित पवार गुट) ने शानदार प्रदर्शन किया, जिससे राज्य की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिले हैं.
नवनीत राणा ने पति की जीत पर मनाया जश्न

अमरावती जिले की बडनेरा सीट से नवनीत राणा (Navneet Rana) के पति ने जीत दर्ज कर सबका ध्यान खींचा. पति की जीत पर नवनीत राणा ने जमकर जश्न मनाया और विजय जुलूस भी निकाला. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में नवनीत राणा अपने चिर-परिचित अंदाज में कहती दिखी “महाराष्ट्र में क्या खिला?” जिसके जवाब में वहां मौजूद महिलाएं “कमल खिला” कहते हुए उनका समर्थन करती दिखी.
बता दे कि, चार महीने पहले लोकसभा चुनाव में नवनीत राणा ने भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. हालांकि, पति की जीत ने उनकी निराशा को जश्न में बदल दिया. इस मौके पर नवनीत राणा ने महाविकास अघाड़ी (मविआ) पर भी चुटकी लेते हुए उन्हें आड़े हाथों लिया.
महायुति गठबंधन का रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि, महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटों में से महायुति गठबंधन को 236 सीटों पर जीत मिली, जो अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है. इससे पहले, 1972 में कांग्रेस को 222 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. इस ऐतिहासिक प्रदर्शन ने महायुति को राज्य की राजनीति में एक मज़बूत स्थान दिलाया है. महाविकास अघाड़ी (मविआ) इस बार केवल 9 सीटों तक ही सीमित रह गई. यह नतीजे विपक्षी गठबंधन के लिए झटके से कम नहीं हैं.
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शिवसेना और राकांपा का शानदार प्रदर्शन

शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) ने इस बार 57 सीटें जीती, जो कि 2019 में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में हासिल की गई 56 सीटों से ज्यादा हैं. शिवसेना का स्ट्राइक रेट 67.90 प्रतिशत रहा. अजीत पवार गुट की राकांपा ने भी मजबूत प्रदर्शन करते हुए 41 सीटों पर जीत हासिल की. लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन निराशाजनक रहने के बावजूद राकांपा ने विधानसभा में अपनी पकड़ मजबूत की.
बारामती में अजित पवार की ऐतिहासिक जीत

अजित पवार ने बारामती सीट पर अपने भतीजे और राकांपा (शरद पवार गुट) के उम्मीदवार युगेंद्र पवार को 1,16,182 वोटों से हराकर एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया. यह जीत न केवल उनके राजनीतिक कद को बढ़ाती है, बल्कि पार्टी के भीतर उनके नेतृत्व की स्वीकार्यता को भी मजबूत करती है.इस जीत ने महाराष्ट्र की राजनीति में महायुति की स्थिति को और मजबूत कर दिया है. यह चुनाव नतीजे न केवल आगामी लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा और उसके सहयोगियों के आत्मविश्वास को बढ़ाएंगे, बल्कि विपक्ष के लिए भी एक बड़ी चुनौती पेश करेंगे.
महायुति की सफलता के कारण:

- सामाजिक समीकरणों का संतुलन: महायुति (Mahayuti) ने सभी वर्गों और समुदायों को जोड़कर एक मजबूत गठबंधन बनाया.
- संगठित नेतृत्व: भाजपा, शिवसेना, और राकांपा (अजीत पवार गुट) के नेताओं ने मिलकर चुनावी रणनीति तैयार की.
- विपक्ष का कमजोर प्रदर्शन: महाविकास अघाड़ी आंतरिक मतभेदों के कारण एकजुट होकर प्रदर्शन नहीं कर सकी.
भविष्य की राजनीति पर असर
महायुति (Mahayuti) की इस ऐतिहासिक जीत से महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में एक नई दिशा देखने को मिलेगी. विपक्ष को अपने अंदरुनी मतभेद दूर कर नई रणनीति तैयार करनी होगी, जबकि महायुति गठबंधन इस जीत को आगे भी जारी रखने की कोशिश करेगा. नवनीत राणा के पति की जीत और उनके जश्न ने भी इस चुनावी जीत को एक व्यक्तिगत और भावनात्मक रंग दिया है, जिसे लोग लंबे समय तक याद रखेंगे.
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