Paper Leak करने वालों की अब खैर नहीं..एक्शन में योगी सरकार,लाएगी कठोर कानून

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

UP Paper Leak: देश में इस समय पेपर लीक का मुद्दा चरम पर है.जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन भी रहे है,जिसको लेकर सरकार सचेत हो गई है. केंद्र सरकार के साथ-साथ अब राज्य सरकारें भी सख्ती बरतती हुई नजर आ रही है. पिछले दिनों में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा का पेपर लीक हुआ था, अब नीट और UGC नेट का पेपर लीक होने के बाद देशभर में घमासान मचा हुआ है. छात्रों से लगातार नेताओं तक इसके विरुध सड़को पर उतर आए है. इन सब के बीच यूपी की योगी सरकार ने पेपर लीक रोकने और सॉल्वर गैंग पर लगाम लगाने की तैयारी में जुट गई है.

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कठोरतम कार्रवाई का प्रावधान

कठोरतम कार्रवाई का प्रावधान

बताते चले कि यूपी की योगी सरकार पेपर लीक रोकने और सॉल्वर गैंग पर लगाम कसने के लिए नया कानून लाने जा रही है. इस नए कानून में पेपर लीक और साल्वर गैंग जैसी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का प्रावधान किया जाएगा. बता दे कि इसमें भरी भरकम जुर्माना, बुलडोजर एक्शन से लेकर जेल तक का प्रावधान भी होगा.

पेपर लीक रोकने के लिए नई नीति

योगी सरकार ने पेपर लीक रोकने के लिए नई नीति का भी ऐलान कर दिया. जिसके तहत हर पाली में कम से कम 2 पेपर सेट होने से परीक्षा की विश्वासिता में सुधार होगा. प्रत्येक सेट की प्रश्नपत्र अलग-अलग एजेंसियों के माध्यम से छपाई जाएगी, जिससे पेपर कोडिंग और व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी. इसके साथ ही, चयन परीक्षाओं के सेंटर्स के लिए विभिन्न वित्तपोषित शैक्षिक संस्थानों को ही चुना जाएगा, जिनमें सीसीटीवी कैमरा इंस्टालेशन की व्यवस्था होगी. बता दे कि यह सभी उपाय परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और विश्वासिता लाने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं.

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4 एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारी मिलेगी

4 एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारी मिलेगी

आपको बता दे कि यह नई भर्ती परीक्षा की योजना बहुत व्यवस्थित और सुरक्षित होने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. एक भर्ती परीक्षा करने के लिए चार एजेंसियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी जाएगी. जिससे परीक्षा की सुरक्षा और निष्पक्षता में सुधार होगा. दिव्यांगों और महिलाओं के लिए परीक्षा देने में कोई प्रतिबंध नहीं होने से उन्हें भी समान अवसर मिलेगा. अगर परीक्षार्थी संख्या चार लाख से अधिक होती है, तो परीक्षा को दो चरणों में आयोजित करने से परीक्षा संचालन में सुधार होगा. पीसीएस परीक्षा को एक पाली में करने की छूट से उसकी व्यवस्था में भी विशेष बदलाव आ सकते हैं. अंतिम रिजल्ट की धांधली को रोकने के लिए ओएमआर शीट की स्कैनिंग आयोग और बोर्ड में ही कराई जाएगी.

प्रश्नपत्र सेटिंग के लिए भी पर्याप्त समय दिया जाएगा

यह सुनिश्चित करने के लिए कि परीक्षा प्रक्रिया निष्पक्ष और सुरक्षित हो, प्रश्नपत्र में गोपनीय कोड का प्रयोग किया जाएगा. प्रत्येक पन्ने पर यूनिक बारकोड, क्यूआर कोड, या यूनिक सीरियल नंबर होंगे, जिससे प्रश्नपत्र की सीरीज के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सके. प्रश्नपत्र के लाने और ले जाने के बक्से में टेम्पर प्रूफ मल्टी लेयर पैकेजिंग होगी, जो कि परीक्षा की सुरक्षा को और बढ़ावा देगी. प्रश्नपत्र सेटिंग के लिए भी पर्याप्त समय दिया जाएगा ताकि प्रश्नपत्र समय पर और सही तरीके से तैयार हो सकें. इसके अलावा, परीक्षा नियंत्रक द्वारा प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी का नियमित निरीक्षण भी होगा, जिससे कि प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं हो.

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प्रिंटिंग प्रेस में इन चीजों पर रहेगा प्रतिबंध

दरअसल, प्रिंटिंग प्रेस चयन की पूरी गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए ये सभी कदम महत्वपूर्ण हैं. प्रेस में आने जाने वाले व्यक्तियों की जांच करना और उन्हें आईडी कार्ड के साथ पहचानना, स्मार्टफोन और कैमरा का पूरा प्रतिबंध, और सीसीटीवी कैमरे की उपस्थिति और उनकी रिकॉर्डिंग सुरक्षित रखना, इन सभी उपायों से प्रेस की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित की जा सकती है.

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