UPPSC भर्ती परीक्षाओं में अब बायोमेट्रिक सत्यापन से होगी पारदर्शिता: AI की मदद से संदिग्धों की पहचान

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
biometric verification in UPPSC exam

UPPSC Exam Update: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की है। अब परीक्षा केंद्रों पर ही आधार कार्ड से परीक्षार्थियों के बायोमेट्रिक डाटा का मिलान किया जाएगा। आयोग के सूत्रों के अनुसार, आगामी भर्ती परीक्षा में इस प्रणाली को लागू करने की तैयारी हो रही है।

आधार कार्ड से बायोमेट्रिक सत्यापन

आयोग ने बताया कि बायोमेट्रिक डाटा का मिलान सीधे आधार कार्ड (Adhar Card) से किया जाएगा। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का उपयोग कर परीक्षा के दौरान संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जाएगी और बायोमेट्रिक डाटा से पुष्टि की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है।

कक्ष निरीक्षकों की नई व्यवस्था

कक्ष निरीक्षकों का आवंटन परीक्षा कक्ष में परीक्षार्थियों के प्रवेश से 30 मिनट पहले स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में किया जाएगा। परीक्षा केंद्रों के मुख्य द्वार और अंदर प्रवेश पत्र और पहचान पत्र की सघन जांच की जाएगी। परीक्षा के बाद इस डाटा को आयोग में सुरक्षित रखा जाएगा।

अतिरिक्त कार्मिकों की तैनाती

परीक्षा केंद्रों पर कक्ष निरीक्षकों की तैनाती में यदि अतिरिक्त कार्मिकों की आवश्यकता पड़ती है, तो कम से कम 50 प्रतिशत स्टाफ परीक्षा केंद्र के बाहर से शासकीय कर्मचारी होंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि परीक्षा संचालन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी न हो।

परीक्षार्थियों का केंद्र आवंटन

एक से अधिक जनपद में परीक्षा के आयोजन की स्थिति में परीक्षार्थियों का केंद्र आवंटन उनके गृह मंडल से अन्यत्र निकटस्थ किया जाएगा। दिव्यांग परीक्षार्थी को उसके गृह जनपद और महिला परीक्षार्थी को उसके गृह मंडल से बाहर परीक्षा केंद्र आवंटित होंगे। यह कदम परीक्षार्थियों को निष्पक्षता और सुविधा प्रदान करने के लिए उठाया गया है।

यूपीएससी की नई प्रक्रिया

यूपीएससी एक संवैधानिक निकाय है जो 14 प्रमुख परीक्षाएं आयोजित करता है, जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारियों का चयन करने के लिए प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा भी शामिल है। इसके अलावा, यूपीएससी केंद्र सरकार के ग्रुप ‘ए’ और ग्रुप ‘बी’ पदों पर भर्ती के लिए हर साल कई भर्ती परीक्षाएं और साक्षात्कार भी आयोजित करता है।

कदाचार की संभावना होगी समाप्त

इस कदम का उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया को मजबूत करना और अभ्यर्थियों द्वारा कदाचार की संभावना को समाप्त करना है। चयनित सेवा प्रदाता यूपीएससी द्वारा उपलब्ध कराए गए डेटा का इस्तेमाल परीक्षा के दौरान उम्मीदवारों के आधार-आधारित फिंगरप्रिंट प्रमाणीकरण और चेहरे की पहचान के लिए करेगा। चेहरे की पहचान के लिए दो तस्वीरों का मिलान किया जाएगा, जिनमें एक ऑनलाइन पंजीकरण के दौरान दी गई और दूसरी परीक्षा के दिन ली गई तस्वीर का इस्तेमाल किया जाएगा।

यूपीपीएससी (UPPSC) द्वारा उठाए गए इन कदमों से परीक्षा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और निष्पक्ष बनाने की कोशिश की जा रही है। आधार कार्ड से बायोमेट्रिक सत्यापन और एआई की मदद से संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान से यह सुनिश्चित होगा कि परीक्षाएं निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ संचालित हों।

Share This Article
Exit mobile version