आर्थराइटिस (गठिया) एक ऐसी बीमारी है जो अक्सर बुजुर्गों को प्रभावित करती है, लेकिन हाल ही में चिकित्सा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अब यह बीमारी बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। विशेष रूप से घुटनों की समस्या गंभीर रूप से बढ़ने पर अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं, जैसे कि अंधेपन का कारण बन सकती है।
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आर्थराइटिस का शिकार कौन हो सकता है?
आर्थराइटिस मुख्य रूप से जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है, लेकिन यह केवल बुजुर्गों तक ही सीमित नहीं रही है। अब, बच्चों में भी इसके लक्षण दिख रहे हैं, खासकर जो ज्यादा सक्रिय होते हैं और जो शारीरिक मेहनत करते हैं, वे अल्सरटिव कोलाइटिस और रूमेटॉइड आर्थराइटिस जैसी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
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घुटने की समस्या का अंधेपन से संबंध
घुटने में संवेदनशीलता और दर्द आमतौर पर शुरुआती लक्षण होते हैं, लेकिन अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए, तो यह समस्या और बढ़ सकती है। यदि घुटने का जोड़ पूरी तरह से प्रभावित हो जाता है, तो यह जोड़ों में संक्रमण, सूजन और दृष्टि संबंधी समस्याएं भी पैदा कर सकता है। इससे अंधापन की संभावना भी उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि यह आंखों में दबाव (ऑक्यूलर हाइपरटेंशन) उत्पन्न कर सकता है, जिससे ग्लूकोमा जैसी गंभीर आंखों की बीमारी हो सकती है।
बच्चों में आर्थराइटिस के लक्षण
जोड़ों में दर्द और सूजन – खासकर घुटने, कोहनी, कंधे और हाथों में।
मांसपेशियों में कमजोरी और स्ट्रेचिंग की परेशानी।
जोड़ों में लचीलापन की कमी – बच्चों में यह समस्या तेजी से बढ़ती है।
आंखों में जलन और धुंधली दृष्टि – यदि घुटने की समस्या आंखों तक फैल जाए।
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आर्थराइटिस के लिए क्या करें ?
- आर्थराइटिस का समय पर इलाज जरूरी है। बच्चों और बुजुर्गों में आर्थराइटिस की समस्याओं को प्राथमिकता से नियंत्रित करना जरूरी है।
- स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम से जोड़ों को मजबूती मिल सकती है।
- चिकित्सक द्वारा सही दवाइयों का सेवन और शारीरिक उपचार जैसे फिजियोथेरेपी से राहत मिल सकती है।