ना भाई, ना भाईजान..अब कानून एक समान! उत्तराखंड में ड्राफ्ट तैयार

Laxmi Mishra
By Laxmi Mishra

Input-Muskaan
उत्तराखंड: अनुच्छेद 370 हटने के बाद, तीन तलाक हटाने के बाद आम चुना से पहले अयोध्या में हिंदुओं की आस्था का प्रतीक राम मंदिर बन कर तैयार हो जाएगा. जिसको लेकर बीजेपी ये कहती है कि भाजपा जो कहती है करती है और उसके इन्ही फैसले ने बीजेपी को जनता के बीच लोकप्रिय किया है. लेकिन एक ऐसा मुद्दा है जो दशको से भाजपा के घोषणापत्र का हिस्सा रहा जिसको 2024 से पहले पूरी होने के कयास लगाए जा रहे है, वों है UCC.

जिस पर समाज दो गुटों में बंटा हुआ है. मोदी सरकार मानसून सत्र में यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रस्ताव पेश कर सकती है. जानकारी के मुताबिक, नए संसद भवन में मानसून सत्र 17 जुलाई से शुरू हो सकता है और 10 अगस्त तक चलने की संभावना है. संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति (CCPA) की बैठक जुलाई महीने की शुरुआत में हो सकती है.

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर ड्राफ्ट तैयार

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीसीपीए की बैठक की अध्यक्षता करेंगे. उधर उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर बनी कमेटी ने ड्राफ्ट तैयार कर लिया है. समिति ने कहा, हम लोगों ने ड्राफ्ट बना लिया है. बहुत जल्द सरकार को सौंप देंगे. देश के कायदे कानून का हम लोगों ने अघ्ययन किया है. इस ड्राफ्ट को तैयार करते वक्त विशेषज्ञ समिति ने इस मसले में संपर्क अभियान के दौरान सीमांत गांव माना से लेकर दिल्ली में रहने वाले प्रवासी उत्तराखंड के निवासियों से भी इस मुद्दे पर विचार किया.

समिति की अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट से रिटायर जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हमने सभी तबकों और वर्गों जैसे एलजीबीटी, आदिवासी, महिलाएं, दिव्यांग, विशेषज्ञ डॉक्टर्स, जेनेटिक एक्सपर्ट्स, सभी से विवाह की उम्र, कम उम्र में संतान उत्पत्ति जैसे कई संवेदनशील मुद्दों पर भी चर्चा की है और उसे रिपोर्ट में शामिल किया है. विशेषज्ञ समिति ने मुस्लिम देशों में प्रचलित स्थापित कानूनों का भी अध्ययन किया है.

सबको मिलेगा समान अधिकार

रंजना देसाई ने कहा कि समिति की सिफारिशें लागू होने पर महिलाएं सशक्त होंगी, समाज का धर्मनिरपेक्ष ताना-बाना मजबूत होगा. देसाई ने कहा कि पैनल ने सभी तरह की राय को ध्यान में रखते हुए, चुनिंदा देशों में वैधानिक ढांचे समेत विभिन्न कानूनों और असंहिताबद्ध कानूनों को देखते हुए कोड का मसौदा तैयार किया है.

रिपोर्ट में ये मुद्दे हो सकते हैं शामिल

  • विवाह की उम्र में बदलाव
  • विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाने की अनिवार्यता
  • सहमति से सेक्स के लिए उम्र की सीमा
  • लिव इन रिलेशनशिप और इस रिश्ते से जन्मे बच्चे के लिए नियम
  • कानून न तोड़ने वाली जनजातीय प्रथाओं, रीति-रिवाजों में हस्तक्षेप न करने पर विचार
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