New India Co-operative Bank Scam: मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड के पूर्व जनरल मैनेजर, हितेश प्रवीणचंद मेहता, पर बैंक से 122 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप लगा है। यह घोटाला तब हुआ जब हितेश बैंक के जनरल मैनेजर थे और उनकी जिम्मेदारी दादर और गोरेगांव ब्रांच की देखरेख की थी। आरोप है कि हितेश ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए इन दोनों शाखाओं के खातों से भारी रकम की हेराफेरी की।
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घोटाले की जांच शुरू, पुलिस ने केस दर्ज किया

आपको बता दे कि, बैंक के चीफ अकाउंट्स ऑफिसर की शिकायत पर दादर पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज किया है। शिकायत के अनुसार, यह घोटाला साल 2020 से 2025 के बीच हुआ है। पुलिस को यह शक है कि हितेश के अलावा एक और व्यक्ति भी इस घोटाले में शामिल हो सकता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे आर्थिक अपराध विंग (EOW) को सौंप दिया गया है ताकि और अधिक विस्तृत जांच की जा सके।
कानूनी प्रक्रिया शुरू, मामले की गहराई से जांच जारी
दादर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 316 (5) और 61 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की है। अब EOW की जांच से यह स्पष्ट होगा कि यह घोटाला किस प्रकार अंजाम दिया गया और इसमें कितने लोग शामिल थे। इसके साथ ही यह भी जांचा जाएगा कि क्या बैंक ने नियमों और सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने में कोई लापरवाही बरती थी या नहीं।
RBI ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कड़ा प्रतिबंध लगाया

हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं। RBI ने अपनी घोषणा में कहा कि बैंक न तो नए लोन दे सकेगा, न ही मौजूदा लोन का नवीनीकरण कर सकेगा। इसके अतिरिक्त, बैंक को नई जमा राशि स्वीकार करने की अनुमति नहीं होगी और वह किसी भी प्रकार का निवेश भी नहीं कर पाएगा। साथ ही, बैंक अपनी देनदारियों के लिए भुगतान नहीं कर सकेगा और संपत्तियां बेचने पर भी रोक रहेगी।
बैंक की वित्तीय गड़बड़ियों की जांच के तहत कार्रवाई
RBI ने यह कदम बैंक में हाल ही में हुई वित्तीय गड़बड़ियों और जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के मद्देनजर उठाए हैं। यह प्रतिबंध 13 फरवरी 2025 से प्रभावी होंगे और अगले छह महीने तक लागू रहेंगे।