New Income Tax Bill 2025: सरकार ने नए इनकम टैक्स बिल 2025 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है, जिसे जल्द ही संसद में पेश किया जाएगा। यह बिल टैक्स कानूनों को आसान बनाने और टैक्स प्रक्रियाओं को सरल करने के उद्देश्य से लाया गया है। सरकार की योजना है कि यह नया कानून 1 अप्रैल 2026 से लागू किया जाए।
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असेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’ का इस्तेमाल

नए इनकम टैक्स बिल में ‘असेसमेंट ईयर’ की जगह अब ‘टैक्स ईयर’ शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा। यह टैक्स ईयर 12 महीने की अवधि होगी, जो 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलेगी। यदि कोई नया बिजनेस या पेशा शुरू किया जाता है, तो उसका टैक्स ईयर उसी तारीख से शुरू होगा और चालू फाइनेंशियल इयर के साथ खत्म होगा। यह बदलाव टैक्स रिपोर्टिंग को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए किया गया है।
कानूनी शब्दों में बदलाव और सरलता
नए इनकम टैक्स बिल में पुराने इनकम टैक्स एक्ट के जटिल शब्दों को सरल और संक्षिप्त किया गया है। जहां पुराने एक्ट की लंबाई 823 पन्नों की थी, वहीं नया बिल 622 पन्नों में तैयार किया गया है। हालांकि, इसमें चैप्टर्स की संख्या 23 ही रखी गई है, लेकिन सेक्शंस की संख्या 298 से बढ़ाकर 536 कर दी गई है। शेड्यूल की संख्या भी 14 से बढ़ाकर 16 की गई है। पुराने कानून में मौजूद जटिल स्पष्टीकरणों और प्रावधानों को हटा दिया गया है, जिससे इसे टैक्सपेयर्स के लिए समझना और पालन करना आसान हो जाएगा।
वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर सख्त प्रावधान

नए इनकम टैक्स बिल में वर्चुअल डिजिटल एसेट्स जैसे क्रिप्टोकरेंसी पर सख्त प्रावधान किए गए हैं। अब क्रिप्टो एसेट्स को अनडिस्क्लोज्ड इनकम के तहत गिना जाएगा, ठीक वैसे ही जैसे नकदी, बुलियन और ज्वेलरी को शामिल किया जाता है। यह कदम डिजिटल लेन-देन को पारदर्शी बनाने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है।
टैक्सपेयर्स चार्टर का समावेश
नए बिल में टैक्सपेयर्स चार्टर भी शामिल किया गया है, जो टैक्स भरने वालों के अधिकारों की रक्षा करेगा और टैक्स प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाएगा। यह चार्टर करदाताओं और कर अधिकारियों दोनों की जिम्मेदारियों और अधिकारों को स्पष्ट करेगा, जिससे टैक्स से जुड़े मामलों को हल करना आसान हो जाएगा।
कैबिनेट की मंजूरी और संसद में पेशी

नए इनकम टैक्स बिल को पहले ही कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है और अब इसे लोकसभा में पेश किया जाएगा। वहां इसे एक स्थायी संसदीय समिति के पास भेजे जाने की संभावना है। इस समिति की सिफारिशों के बाद सरकार इसमें आवश्यक संशोधन कर सकती है। इसके बाद, यह बिल संसद में पास होने के लिए दोबारा पेश किया जाएगा और राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद आधिकारिक कानून बन जाएगा।
इनकम टैक्स कानून में सुधार की दिशा
सरकार पिछले कई वर्षों से इनकम टैक्स कानून को सरल बनाने की कोशिश कर रही थी। इसके लिए 2018 में एक टास्क फोर्स बनाई गई थी, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट सौंपी। इससे पहले, यूपीए सरकार ने 2009 में डायरेक्ट टैक्स कोड (DTC) पेश किया था, लेकिन वह संसद में पारित नहीं हो सका था। अब, नए इनकम टैक्स बिल 2025 को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण सुधार माना जा रहा है, जिससे टैक्स सिस्टम और अधिक सुविधाजनक और पारदर्शी बनेगा।