New Delhi: BIMSTEC बिजनेस शिखर सम्मेलन का आगाज, विदेश मंत्री एस. जयशंकर करेंगे उद्घाटन

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
BIMSTEC Business Summit

BIMSTEC Business Summit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर मंगलवार को नई दिल्ली में पहले बिम्सटेक (BIMSTEC) बिजनेस शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन 8 अगस्त तक चलेगा और इसका उद्देश्य 7 सदस्य देशों के बीच क्षेत्रीय और आर्थिक सहयोग को मजबूत करना है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सहयोग से विदेश मंत्रालय इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।

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व्यापार और निवेश संबंधों की मजबूती

बिम्सटेक समूह के सदस्य देशों के बीच मजबूत व्यापार और निवेश संबंध हैं। इस शिखर सम्मेलन में बिम्सटेक सदस्य देशों के व्यापार, वाणिज्य, उद्योग, और ऊर्जा क्षेत्र के कई मंत्री, उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारी, नीति निर्माता, उद्यमी और उद्योग संघ भी भाग लेंगे। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और अन्य नेता भी इस सम्मेलन को संबोधित करेंगे।

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आर्थिक सहयोग की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह आयोजन आर्थिक सहयोग को सुविधाजनक बनाने और व्यापार सुविधा, क्षेत्रीय कनेक्टिविटी, ऊर्जा सुरक्षा, समावेशी विकास और सतत विकास जैसे क्षेत्रों में मजबूती लाने के तरीकों का पता लगाएगा। बिम्सटेक समूह में एशिया के सात देश शामिल हैं, जिनमें दक्षिण एशिया से बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, भारत, श्रीलंका और दक्षिण पूर्व एशिया के दो देश म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं।

बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन (BIMSTEC) बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसे 1997 में बैंकॉक डिक्लेरेशन के तहत स्थापित किया गया था। बिम्सटेक का मुख्य उद्देश्य बंगाल की खाड़ी से लगे देशों में तीव्र आर्थिक विकास, सामाजिक प्रगति को बढ़ावा देना और साझा हितों के मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने के लिए सकारात्मक वातावरण बनाना है।

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पाकिस्तान की अनुपस्थिति

हालांकि पाकिस्तान ने भी इसमें शामिल होने की इच्छा जताई थी, लेकिन उसे इससे अलग रखा गया। शुरुआत में इसमें बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड शामिल थे और इसे बिसटेक (बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका और थाईलैंड आर्थिक सहयोग संगठन) के नाम से जाना जाता था। 22 दिसंबर 1997 में म्यांमार के शामिल होने के बाद इसका नाम बिम्सटेक हो गया। 2004 में भूटान और नेपाल को भी इसमें शामिल किया गया। बिम्सटेक बिजनेस शिखर सम्मेलन भारत के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। यह न केवल क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करेगा, बल्कि भारत की कूटनीतिक स्थिति को भी मजबूत करेगा।

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बिम्सटेक का उद्देश्य

इस शिखर सम्मेलन से भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और प्रगाढ़ करने का अवसर मिलेगा, जिससे पूरे क्षेत्र में शांति और स्थिरता का माहौल बनेगा। भारत ने हमेशा से क्षेत्रीय सहयोग को महत्व दिया है और बिम्सटेक जैसे मंचों के माध्यम से यह अपनी भूमिका को और भी सशक्त बना सकता है। यह सम्मेलन क्षेत्रीय समृद्धि और विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, जिससे बिम्सटेक सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग और विश्वास में वृद्धि होगी।

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