New Crime Laws: भारतीय आपराधिक कानून में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन आने वाला है जो एक नया दौर ला सकता है। इस परिवर्तन के तहत, एक नया आपराधिक कानून (New Crime Laws) 1 जुलाई 2024 से पूरे देश में लागू होगा। नए कानून को लेकर सरकार ने पुलिस महकमे, सरकारी वकीलों और न्यायिक अधिकारियों को उसकी विस्तारपूर्वक जानकारी देने के लिए कई प्रयास किए हैं। इस परिवर्तन का मुख्य उद्देश्य है कि भारतीय कानून को उसके स्वदेशी स्वरूप में अपडेट किया जाए।\
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कानूनी संशोधनों की जानकारी
पूरे देश में लागू होने वाले नए आपराधिक कानून (New Crime Laws) में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। पहले भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में कुल 511 धाराएं थीं, लेकिन अब इसमें सिर्फ 358 धाराएं बची हैं। नए कानून में 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं, तथा 33 अपराधों की सजा अवधि में वृद्धि की गई है। साथ ही, 83 अपराधों में जुर्माने की रकम भी बढ़ाई गई है और 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान किया गया है।
नए कानून के प्रमुख विशेषताएँ
नए आपराधिक कानून के अंतर्गत कई प्रमुख विशेषताएँ शामिल हैं। इसमें समुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान है, जो किसी भी सामाजिक अपराध के मामलों में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो सकता है। विशेष रूप से, धारा 124 के तहत देशद्रोह से जुड़े मामलों में सजा का प्रावधान शामिल है, जो पूर्व में आईपीसी (IPC) की धारा 124 में राजद्रोह के तहत था। इसे अब नए शब्द “देशद्रोह” के तहत शामिल किया गया है और इसे भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 7 में रखा गया है।
धारा 302 और 307 में परिवर्तन
नए कानून के तहत धारा 302 और 307 में भी महत्वपूर्ण परिवर्तन किए गए हैं। पहले, धारा 302 के तहत हत्या के मामलों में आरोपी बनाया जाता था, लेकिन अब ऐसे अपराधियों को धारा 101 के तहत सजा मिलेगी। इसी तरह, धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास में दोषी को अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 109 के तहत सजा सुनाई जाएगी। इन धाराओं को भी अध्याय 6 में रखा गया है जो मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराधों के लिए है। वहीं अब भारतीय न्याय संहिता में धोखाधड़ी या ठगी का अपराध 420 में नहीं, अब धारा 316 के तहत आएगा। इस धारा को भारतीय न्याय संहिता में अध्याय 17 में संपत्ति की चोरी के विरूद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा गया है।
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साक्ष्य अधिनियम में परिवर्तन
नए भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act) में भी 170 प्रावधान हैं, जो पहले से बढ़कर 167 हो गए हैं। इसमें 24 नए प्रावधान शामिल किए गए हैं जो कानूनी प्रक्रिया को सुधारने का प्रयास करते हैं। नए आपराधिक कानून का प्रभावी होने से पूरे देश में कानून व्यवस्था में सुधार आ सकता है। यह कानून न केवल अपराधों की परिभाषा में स्पष्टता ला सकता है।