Tamilnadu News: कांग्रेस नेता पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने मंगलवार को तमिलनाडु सरकार के तीन नए आपराधिक कानूनों में राज्य-विशिष्ट संशोधनों का सुझाव देने के लिए समिति गठित करने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आपराधिक कानून एक समवर्ती सूची का विषय है, जो राज्य विधायिका को संशोधन करने के लिए सक्षम बनाता है। चिदंबरम ने कहा कि आपराधिक कानूनों को आधुनिक न्यायशास्त्र के सिद्धांतों के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। उन्होंने तमिलनाडु सरकार के इस फैसले को एक महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि इससे राज्य के आपराधिक कानूनों में सुधार होगा।
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समिति की स्थापना पर खुशी
पूर्व गृह मंत्री ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में लिखा, “मैं 1 जुलाई 2024 को लागू होने वाले तीन नए आपराधिक कानूनों में राज्य संशोधन का सुझाव देने के लिए एक समिति नियुक्त करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले का स्वागत करता हूं।” उन्होंने कहा कि आपराधिक कानून संविधान की समवर्ती सूची का विषय है और राज्य विधानमंडल इसमें संशोधन करने के लिए सक्षम है।
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सभी हितधारकों से परामर्श की अपील
चिदंबरम ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) श्री के. सत्यनारायणन की एक-व्यक्ति समिति की नियुक्ति का स्वागत किया। उन्होंने समिति से आग्रह किया कि वह न्यायाधीशों, वकीलों, पुलिस, विधि शिक्षकों, विद्वानों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श करे।
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मुख्यमंत्री एम के स्टालिन का आदेश
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के नेतृत्व में एक सदस्यीय समिति गठित करने का आदेश दिया। यह समिति तीनों कानूनों का अध्ययन करेगी और संशोधन करने के संबंध में राज्य सरकार को सिफारिशें देगी।
उच्च स्तरीय परामर्श बैठक
स्टालिन ने यहां सचिवालय में एक उच्च स्तरीय परामर्श बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को मद्रास उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम सत्यनारायणन के नेतृत्व में एक सदस्यीय समिति गठित करने का निर्देश दिया। पैनल तीनों कानूनों के लिए ‘राज्य स्तरीय नाम परिवर्तन’ सहित संशोधनों का प्रस्ताव करने के लिए नए कानूनों का अध्ययन करेगा।
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एक महीने के भीतर रिपोर्ट
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह समिति नए कानूनों की स्पष्ट रूप से जांच करेगी, राज्य स्तर पर अधिवक्ताओं सहित हितधारकों के साथ परामर्श करेगी और एक महीने के भीतर राज्य सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
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चिदंबरम की केंद्र सरकार पर टिप्पणी
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने नए कानून बनाने के तरीके पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण बिल को विधि आयोग को मूर्त रूप देना चाहिए था, नाकि एक समिति के ‘पार्ट टाइम’ सदस्यों को इसका मसौदा तैयार करना चाहिए था। चिदंबरम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय की मई, 2020 में गठित समिति पर भी सवाल उठाए, जिसमें अधिकांश सदस्य विभिन्न विश्वविद्यालयों के सेवारत प्रोफेसर थे और बतौर ‘पार्ट टाइम’ सदस्य कार्य कर रहे थे।
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नए आपराधिक कानूनों का विवरण
1 जुलाई 2024 से लागू होने वाले नए आपराधिक कानूनों में कई महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। इन कानूनों का उद्देश्य आपराधिक न्याय प्रणाली को अधिक आधुनिक और प्रभावी बनाना है। तमिलनाडु सरकार द्वारा गठित समिति इन कानूनों का अध्ययन करेगी और राज्य-विशिष्ट संशोधनों का प्रस्ताव करेगी। यह कदम राज्य सरकार के आपराधिक कानूनों में सुधार के प्रति गंभीरता को दर्शाता है।