न्यूरालिंक ने लगाई पहली बार जिंदा इंसानी दिमाग में चिप…

Mona Jha
By Mona Jha

First Brain Chip in Human:एलन मस्क सोशल मीडिया पर आए दिनों में सुर्खियों में रहते है। इनका सुर्खियों में रहना इनका अजब गजब हरकते होता है। दरअलस एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने इंसान में ब्रेन चिप लगाने का दावा किया है। कंपनी ने कहा है कि रविवार को पहले मानव रोगी को ब्रेन-चिप प्रत्यारोपण किया गया, जो कि सफल रहा और मरीज तेजी से ठीक हो रहा है। इस बात की जानकारी एलन मस्क ने खुद X पर इस बात एक पोस्ट के जरिए दी है।

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एलन ने एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा..

एलन ने इस बात के बारें में अपने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट के जरिए कहा कि- “जिस व्यक्ति के दिमाग में चिप लगाई गई है, उसकी सेहत में सुधार हो रहा है।” इसके अलावा उन्होनें यह भी कहा कि- “केवल सोचने मात्र से, आपके फ़ोन या कंप्यूटर और उनके माध्यम से लगभग किसी भी उपकरण का नियंत्रण सक्षम हो जाता है. शुरुआती यूजर्स वे होंगे जो अपने अंगों का उपयोग खो चुके होंगे।कल्पना करें कि क्या स्टीफन हॉकिंग एक स्पीड टाइपिस्ट या नीलामीकर्ता से भी अधिक तेजी से संवाद कर सकते थे…यही लक्ष्य है”।

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एलन मस्क की न्यूरालिंक के बारे में जानें..

आपको बता दें कि एलन मस्क ने 2016 में न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी न्यूरालिंक स्टार्टअप शुरू की थी, जो दिमाग और कंप्यूटर के बीच सीधे संचार चैनल बनाने पर काम कर रही है। कंपनी ने एक ऐसी चिप बनाई है, जिसे सर्जरी के जरिए इंसानी दिमाग के अंदर डाला जाएगा। ये एक तरह से इंसान के दिमाग की तरह काम करेगी। इसका इस्तेमाल मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर का सामना कर रहे लोगों के लिए किया जा सकेगा। आसान शब्दों में हम सकते हैं कि जिस तरह से शरीर के कई दूसर अंगों के काम करना बंद कर देने पर उनका ट्रांसप्लांट होता है, ये एक हद उसी तरह से दिमाग का ट्रांसप्लांट है।

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चिप कंट्रोल कर सकेगी..

आप भी ये सोच कर हैरान हो रहें है कि कोई कैसे दिमाग में चिप लगा सकता है,आपको बता दें कि ये एक इंसान के दिमाग की सारी जानकारी, सारा तजुर्बा, यहां तक कि सारी गोपनीय बातें निकालकर एक कंप्यूटर चिप में डाल देने जैसा है। जाहिर सी बात है कि अगर चिप कंट्रोल कर सकेगी तो वो सबकुछ जान भी सकेगी, यानी ब्रेन-चिप की ये मर्जिंग काफी खतरनाक हो सकती है, इसके बाद भी स्टडी चलती रही, फिलहाल रिपेयर नाम के इस खास प्रोजेक्ट पर कोई भी पुख्ता जानकारी ओपन सोर्स में कहीं नहीं दिखती, सिवाय मोटा-मोटी बातों के।

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