बिहार (नालंदा): संवाददाता – बीरेंन्द्र कुमार
NALANDA: मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में एक ओर जहां मिशन 60 के तहत अस्पतालों की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है तो वहीं दूसरी ओर नालंदा के हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में नवजात के इलाज में लापरवाही का मामला सामने आया है। जहां डॉक्टर के नहीं रहने के कारण एक नवजात बच्चें की मौत हो गई है। परिजन ने अस्पताल प्रबंधन पर नवजात की तबीयत बिगड़ने के उपरांत एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराने का भी आरोप लगा रहे हैं।
प्रसव कराने के नाम पर लिया 2 हजार रुपए
दरअसल इस्लामपुर प्रखंड के खुदागंज की रहने वाली चंदन कुमार की पत्नी मधु कुमारी जो वर्तमान में अपने मायका हिलसा के खोरामपुर में रह रही है। जिसे प्रसव पीड़ा होने के उपरांत परिजनों के द्वारा हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में सुबह भर्ती कराया गया। शाम 7:00 बजे एक पीड़िता ने एक बच्ची को जन्म दिया। प्रसव कराने के एवज में अस्पताल कर्मियों के द्वारा 2 हजार रुपए भी लिया गया। रात 1:00 बजे नवजात की तबियत अचानक बिगड़ने लगी। वहाँ मौजूद नर्स ने परिजनों से कहा कि बच्चे को कहीं अन्यत्र जगह इलाज के लिए ले जाएं और इतना कह कर नर्स एवं अन्य अस्पताल कर्मी सोने चले गए। जब परिजन नवजात को ले जाने के लिए एंबुलेंस की मांग करने लगे तो उन्हें एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराया गया।
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नवजात की मौत पर परिजन ने काटा हंगामा
इसके बाद निजी एंबुलेंस को बुलाकर वे लोग बिहार शरीफ इलाज के लिए चल पड़े, रास्ते में ही नवजात की मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। हंगामा की सूचना मिलते ही हिलसा पुलिस दल बल के साथ पहुंची और आक्रोशित परिजनों को समझा- बुझाकर कार्यवाही का आश्वासन दे मामले को शांत कराया। नालंदा सिविल सर्जन ने बताया कि हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल के उपाधीक्षक ट्रेनिंग में गए हुए हैं। जो भी रिस्पांसिबल पर्सन होंगे उनसे घटना के बारे में विस्तृत जानकारी लेकर जिनकी भी इनमें लापरवाही होगी, उन पर कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल मामले का पता लगाया जा रहा है।