NEET PG 2025: नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) द्वारा नीट पीजी 2025 परीक्षा को दो शिफ्टों में आयोजित करने के फैसले के खिलाफ यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट (UDF) द्वारा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। याचिका में मांग की गई है कि NEET PG परीक्षा पूरे देश में एक समान समय और एक ही सत्र में आयोजित की जानी चाहिए ताकि सभी उम्मीदवारों को समान स्तर पर अवसर मिल सके।
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याचिका का तर्क
यह याचिका अधिवक्ता सत्यम सिंह राजपूत के माध्यम से दाखिल की गई है। याचिका में तर्क दिया गया है कि परीक्षा को दो शिफ्ट में आयोजित करने से प्रश्नपत्रों में अंतर आना स्वाभाविक है, जिससे कठिनाई का स्तर भी अलग हो सकता है। इसके चलते परीक्षार्थियों को मूल्यांकन के असमान मानकों का सामना करना पड़ता है। याचिका में इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार) का उल्लंघन बताया गया है।
कोर्ट ने पक्षों से मांगा जवाब
इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ द्वारा की गई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार, नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) और नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने सभी पक्षों से इस मामले में एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है और अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद तय की है।
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याचिकाकर्ताओं का कहना है कि नीट पीजी एक राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा है, और इसमें उम्मीदवारों को समान अवसर मिलना चाहिए। दो शिफ्ट में परीक्षा आयोजित करना न सिर्फ असमानता को जन्म देता है बल्कि परीक्षार्थियों के मनोबल को भी प्रभावित करता है। इससे मेरिट निर्धारण में भी भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।