Swami Vivekananda Jayanti 2025:स्वामी विवेकानंद, (Swami Vivekananda)रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्यों में से एक थे, जिन्होंने भारतीय समाज में धार्मिक और सामाजिक सुधारों के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। उनका जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता (अब कोलकाता) में हुआ था, और उनका वास्तविक नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। स्वामी विवेकानंद के जीवन का सफर विशेष रूप से उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के साथ गहरे आध्यात्मिक संवाद से प्रेरित था।
रामकृष्ण परमहंस ने नरेंद्रनाथ की बुद्धि और जिज्ञासा को पहचाना और उन्हें अपना शिष्य बना लिया। इस शिष्यत्व के दौरान उन्हें वेदांत, भक्ति और अन्य आध्यात्मिक ज्ञान की गहरी समझ मिली, जिसने उन्हें बाद में स्वामी विवेकानंद के रूप में पहचान दिलाई।
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शिकागो में दिया गया ऐतिहासिक भाषण
स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda)का नाम पूरी दुनिया में उनके ऐतिहासिक शिकागो भाषण के कारण गूंजता है। 1893 में शिकागो में आयोजित विश्व धर्म महासभा में स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण से भारतीय संस्कृति और दर्शन का परिचय दुनिया को कराया। उनका भाषण “सिस्टर्स एंड ब्रदर्स ऑफ अमेरिका” से शुरू हुआ, जो आज भी लोगों के दिलों में गूंजता है। स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में भारतीय दर्शन, विशेषकर वेदांत को वैश्विक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया और यह बताया कि यह दर्शन न केवल भारत का बल्कि समूचे विश्व का है।
स्वामी विवेकानंद ने अपने भाषण में कहा था, “मैं आपको दुनिया की प्राचीनतम संत परंपरा की ओर से धन्यवाद देता हूं, मैं आपको सभी धर्मों की जननी की ओर से धन्यवाद देता हूं, और सभी जातियों और संप्रदायों के लाखों हिंदुओं की ओर से आपका आभार व्यक्त करता हूं…” यह भाषण विश्वभर में भारतीय संस्कृति के प्रति सम्मान और सहिष्णुता को बढ़ावा देने का माध्यम बना। इसके बाद जब स्वामी विवेकानंद ने भाषण समाप्त किया, तो पूरा हॉल तालियों से गूंज उठा था।
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भारत में एकता और समाज सुधार की दिशा में योगदान
स्वामी विवेकानंद ने अपने जीवनभर भारतीय समाज को जागरूक करने के लिए काम किया। उन्होंने सभी धर्मों का सम्मान किया और कहा कि हर धर्म का मुख्य उद्देश्य मानवता और मनुष्य का कल्याण है। वे हमेशा एकता और राष्ट्रीय प्रगति की बात करते थे। शिकागो भाषण में भी उन्होंने यह उल्लेख किया कि भारत के लिए प्रगति केवल तभी संभव है जब हम सभी धर्मों और जातियों को समान रूप से सम्मान दें और एकजुट होकर काम करें।
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युवा दिवस के रूप में मनाया जाता स्वामी विवेकानंद की जयंती
स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी को मनाई जाती है, जिसे राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में ‘विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2025’ में भाग लेंगे, जहां वे पूरे देश के तीन हजार युवा नेताओं से संवाद करेंगे। यह संवाद देश के युवाओं को राजनीति और समाज में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है, और प्रधानमंत्री मोदी के स्वतंत्रता दिवस के आह्वान के अनुरूप है, जिसमें एक लाख युवाओं को राष्ट्रीय मंच पर लाने की बात की गई थी।