Nashik News: कल से सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें नासिक के एक पुलिस अधिकारी के हवाले से यह दावा किया गया है कि अजान के समय भजन और कीर्तन जैसी गतिविधियों को रोका गया है। इस वीडियो को एक यूजर @sanjeev_jd ने साझा किया है, जिसमें अधिकारी सुबह पांच बजे, दोपहर सवा एक बजे, शाम सवा पांच बजे, साढ़े छह बजे और रात साढ़े आठ बजे के अजान समय में कुछ खास निर्देश देने की बात कर रहे हैं।
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वीडियो का विवादास्पद कंटेंट ने मचाया बवाल
वीडियो में यह कहा जा रहा है कि मस्जिद के 100 मीटर के दायरे में अजान के 15 मिनट पहले और 15 मिनट बाद किसी भी धार्मिक गतिविधि की अनुमति नहीं है। इस बयान को नासिक के पुलिस कमिश्नर के तौर पर प्रस्तुत किया गया है। वहीं, एक अन्य यूजर @ManojSr60583090 ने इस वीडियो को साझा करते हुए लिखा, “आप सोते रहो, अभी तो नाशिक से आदेश आया है। आने वाले समय में यही पूरे देश में होगा।”
नासिक पुलिस ने किया इसका खंडन
नासिक पुलिस ने इस वायरल वीडियो को पूरी तरह से फर्जी बताते (Fake video from Nashik) हुए कहा है कि यह एक 2.5 साल पुराना वीडियो है जिसे जानबूझकर खराब मंशा से एडिट करके जनता के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है। पुलिस ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस वीडियो के बारे में जानकारी साझा करते हुए लिखा, “इस तरह की भ्रामक जानकारी से कानून व्यवस्था पर प्रभाव पड़ सकता है।”
कानूनी कार्रवाई की दी चेतावनी
पुलिस ने आगे कहा कि इस वीडियो को प्रसारित करने वाले यूजर्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। नासिक पुलिस ने कहा कि वीडियो के संपादित संस्करणों का प्रसारण भारतीय न्याय संहिता की धारा 196 और 197 के तहत दंडनीय है। उन्होंने सभी नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है और कहा है कि उनकी साइबर टीम सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबरों की सत्यता की जांच अवश्य करनी चाहिए। कैसे फर्जी जानकारी समाज में तनाव और विवाद पैदा कर सकती है। जब भी कोई वीडियो या खबर वायरल हो, उसकी प्रामाणिकता की जांच करना चाहिए। जानकारी के स्रोतों को विश्वसनीय बनाना समाज की जिम्मेदारी है, जिससे किसी भी तरह की गलतफहमी या तनाव से बचा जा सके।