Nagpur Violence: नागपुर में सोमवार को हुई हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम शमीम खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। फहीम खान पर आरोप है कि उसने लोगों को हिंसा के लिए उकसाया और भड़काया। कोर्ट ने आरोपी को 21 मार्च तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। इस मामले में पुलिस ने फहीम खान सहित 51 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
फहीम शमीम खान का राजनीतिक इतिहास और विवाद

आपको बता दे कि, 38 वर्षीय फहीम शमीम खान माइनॉरिटी डेमोक्रेटिक पार्टी (MNDP) का नागपुर में अध्यक्ष है. फहीम शमीम पर आरोप है कि उसने हिंसा भड़काने के लिए लोगों को प्रेरित किया। फहीम खान ने 2024 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, वह चुनाव में 6.5 लाख वोटों के बड़े अंतर से हार गए थे और उन्हें केवल 1073 वोट मिले थे। वह नागपुर के संजय बाग कॉलोनी के रहने वाले हैं।
50 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया
नागपुर में हुई हिंसा विहिप (विश्व हिंदू परिषद) और बजरंग दल द्वारा महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर किए गए राज्यव्यापी प्रदर्शन के बाद भड़क गई थी। हिंसा के दौरान कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। इस मामले में पुलिस ने पांच एफआईआर दर्ज की हैं और करीब 50 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस अब उन लोगों की पहचान कर रही है, जिन्होंने सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया था।
विहिप ने हिंसा को पूर्व नियोजित बताया

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने नागपुर में हुई हिंसा को पूर्व नियोजित करार दिया और कहा कि प्रशासन को हिंसा फैलाने वाले आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। विहिप के विदर्भ प्रांत के मंत्री देवेश मिश्रा ने मीडिया से कहा कि दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया जाना चाहिए। वहीं, विहिप के धर्म प्रसार प्रमुख राजकुमार शर्मा ने आरोप लगाया कि नागपुर की चिटनिस पार्क के पास स्थित एक मस्जिद से हिंसा की अपील की गई थी, जिससे भीड़ एकत्रित हो गई।
विहिप और बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन पर आरोप

विहिप और बजरंग दल द्वारा नागपुर में किए गए विरोध प्रदर्शन के दौरान यह दावा किया गया कि कुछ धार्मिक पंक्तियों वाली चादर जलाने की घटना के बाद हिंसा भड़की। हालांकि, देवेश मिश्रा ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि विहिप ने पूरे महाराष्ट्र में शांतिपूर्ण आंदोलन चलाया था। उन्होंने कहा कि नागपुर में अफवाहें फैलाने वाले औरंगजेब के समर्थकों ने ही हिंसा को भड़काया।