Nabanna Abhiyan: जानिए क्या है नबन्ना अभियान? ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ उतरा छात्र समाज, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Nabanna Abhiyan

Kolkata Doctor Rape Case: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और तेज हो गया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों द्वारा शुरू किया गया आंदोलन अब सत्रहवें दिन में प्रवेश कर चुका है। 1980 के दशक के बाद यह अस्पताल परिसरों में सबसे लंबे समय तक चलने वाला विरोध प्रदर्शन बन गया है। इस बीच, पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को होने वाले ‘छात्र समाज’ के नबन्ना मार्च (Nabanna Abhiyan) को रोकने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। आंदोलनकारी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

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पुलिस प्रशासन के सख्त इंतजाम

प्रदर्शनकारियों को नबन्ना तक पहुंचने से रोकने के लिए कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल पुलिस के लगभग 4,500 अधिकारियों को तैनात किया गया है। इन अधिकारियों के साथ-साथ ड्रोन, पानी की बौछारें, आंसू गैस के गोले और एल्यूमीनियम मिश्र धातु से बने बैरिकेड्स भी तैयार किए गए हैं। कोलकाता और हावड़ा में सात प्रमुख स्थानों पर इन सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है। यह कदम पश्चिम बंगाल छात्र समाज द्वारा आयोजित नबन्ना मार्च को रोकने के लिए उठाया गया है।

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प्रशासन ने की अपील

राज्य के एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) मनोज कुमार वर्मा ने जनता से अपील की है कि वे “असामाजिक तत्वों के जाल में न फंसें” और “किसी अवैध आयोजन में भाग लेने से बचें।” वर्मा ने जनता को सावधान करते हुए कहा कि प्रशासन किसी भी अनियमितता के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक सह उपाध्यक्ष सप्तर्षि चटर्जी ने कहा कि “हम हर दिन छात्रों से बात करते हैं और संकाय सदस्य अपना सर्वश्रेष्ठ दे रहे हैं ताकि मरीजों को परेशानी न हो।” हालांकि, लगातार आंदोलन और विरोध के चलते अस्पताल में चिकित्सा सेवाओं पर असर पड़ा है। सीबीआई की टीम द्वारा जांच के दौरान सभी दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया गया, जिससे अस्पताल प्रशासन पर भी दबाव बढ़ गया है।

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नबन्ना मार्च से पहले सुरक्षा कड़ी

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बलात्कार-हत्या मामले को लेकर नबन्ना तक निकाले गए मार्च के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। जगह-जगह बैरिकेडिंग की गई है और अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए विद्यासागर सेतु के प्रवेश रैंप पर और खिद्दरपुर रोड के केंद्र में कंटेनर रख दिए हैं। इसके अलावा, हेस्टिंग्स और फर्लांग रोड के चौराहे पर एक अतिरिक्त त्रि-स्तरीय बैरिकेड लगाया गया है, जिससे क्षेत्र में सुरक्षा उपायों को और मजबूत किया गया है।

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नबन्ना मार्च के चलते यातायात बाधित

नबन्ना मार्च के कारण स्ट्रैंड रोड को सुबह 10:30 बजे तक बंद कर दिया गया है। इस समय, दक्षिण कोलकाता से हावड़ा स्टेशन तक पहुंचने का एकमात्र उपलब्ध मार्ग मेट्रो है। इस यातायात बाधा से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के खिलाफ बढ़ता विरोध और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों का लंबा चलता आ रहा आंदोलन राज्य की राजनीति में गंभीर संकेत दे रहा है।

सरकार की ओर से आंदोलनकारियों को रोकने के लिए किए गए व्यापक इंतजाम और सुरक्षा बलों की भारी तैनाती यह दिखाती है कि राज्य प्रशासन इस विरोध को किसी भी कीमत पर नियंत्रित करना चाहता है। हालांकि, इस स्थिति में ममता बनर्जी के नेतृत्व और सरकार की स्थिरता पर भी सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल कैसे सुलझती है और इसके क्या परिणाम होते हैं।

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