Jammu Kashmir news: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में एक रहस्यमयी बीमारी ने अब तक 17 लोगों की जान ले ली है, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई है। यह बीमारी इतने बड़े स्तर पर फैल चुकी है कि प्रशासन को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी। बीमारी के कारण इलाके में भारी चिंता का माहौल है। इस बीमारी का कारण जानने के लिए, दिल्ली स्थित एम्स के विष विज्ञान विशेषज्ञों सहित एक पांच सदस्यीय टीम राजौरी पहुंची है।
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एम्स दिल्ली की विशेषज्ञ टीम का दौरा

एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास के नेतृत्व में एक विशेषज्ञों की टीम बधाल गांव पहुंची, जहां इस बीमारी के कारण अधिकांश मौतें हुई हैं। टीम ने वहां सील किए गए घरों और आसपास के इलाकों से नमूने एकत्र किए और रोग के कारण का पता लगाने की कोशिश की। इस टीम में ‘क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी’ के प्रोफेसर डॉ. ए. शरीफ, एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर के विशेषज्ञ डॉ. शैलेन्द्र कुमार, इमरजेंसी मेडिसिन के डॉक्टर डॉ. जमाहेद नायर, बाल रोग विभाग के डॉ. जगदीश प्रसाद मीना और क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी के सहायक प्रोफेसर डॉ. जावेद कादरी शामिल हैं।
पारिवारिक और मेडिकल जांच
शुक्रवार, 31 जनवरी को, एम्स टीम ने राजौरी के सरकारी मेडिकल कॉलेज (GMC) का दौरा किया। इस दौरान, टीम ने मरीजों और उनके परिजनों से मुलाकात की और बीमारी के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की। टीम ने उन मरीजों की भी जांच की जो अभी भी डॉक्टरों की निगरानी में हैं। वर्तमान में, जीएमसी राजौरी के डॉक्टरों द्वारा 11 मरीजों का इलाज किया जा रहा है और उन्हें विष रोधी दवा एट्रोपिन दी जा रही है।
प्रशासन ने किए एहतियाती उपाय

इस बीमारी के फैलने के कारण प्रशासन ने बधाल गांव में सुरक्षा के उपाय बढ़ा दिए हैं। पिछले 9 दिनों से इस गांव में कोई नया मामला सामने नहीं आया है, लेकिन एहतियातन प्रशासन ने 87 परिवारों के 364 व्यक्तियों को गांव से बाहर, राजौरी के तीन पृथक केंद्रों में रखा है। ये केंद्र सरकारी नर्सिंग कॉलेज, सरकारी बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय और सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्थित हैं। यह स्थिति गंभीर है, और इस रहस्यमयी बीमारी की जाँच जारी है ताकि इसके कारणों का पता लगाया जा सके और जल्द से जल्द इसका इलाज शुरू किया जा सके।