Myanmar elections 2025: म्यांमार में दिसंबर में होने वाले राष्ट्रीय चुनावों की तैयारियों के तहत, देश की जुंटा सरकार ने आपातकाल हटाने की घोषणा की है। इसी क्रम में गुरुवार को 11 सदस्यीय राष्ट्रीय चुनाव आयोग का गठन किया गया है, जिसका नेतृत्व जुंटा के शासनाध्यक्ष और अंतरिम राष्ट्रपति मिन आंग ह्लाइंग स्वयं करेंगे। फरवरी 2021 में, सेना ने आंग सान सू की की सरकार को अपदस्थ कर दिया था और आपातकाल की घोषणा कर दी थी। हालाँकि तीन साल बाद अब आपातकाल हटा लिया गया है लेकिन देश में स्थिति अभी भी सामान्य नहीं हुई है। चल रहे गृहयुद्ध में हज़ारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
आपातकाल हटा लिया गया
जुंटा प्रवक्ता जॉ मिन टुन ने कहा बहुदलीय लोकतंत्र की राह के लिए आपातकाल हटा लिया गया है। हालांकि विपक्ष ने चुनावों को धोखाधड़ी बताते हुए इनका बहिष्कार करने की घोषणा की है। 2021 के तख्तापलट में अपदस्थ किए गए प्रतिनिधियों और राजनीतिक दलों का कहना है कि जुंटा सैन्य शासन को वैध बनाने के लिए इन चुनावों का आयोजन कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र के एक विशेषज्ञ ने भी चुनावों को “नकली” बताया है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता के विचारों को प्रतिबिंबित करने का कोई वास्तविक अवसर नहीं होगा।
नवगठित आयोग चुनाव की निगरानी करेगा
सरकारी टेलीविजन ने कहा कि एक नवगठित आयोग चुनाव की निगरानी करेगा। जुंटा ने अभी तक मतदान की किसी निश्चित तिथि की घोषणा नहीं की है। हालंकि मिन आंग ह्लाइंग ने बुधवार को एक बयान में कहा कि चुनाव दिसंबर में होंगे। विश्लेषकों का मानना है कि अगर चुनाव होते भी हैं तो मिन आंग ह्लाइंग सत्ता में बने रहेंगे। वह वर्तमान में अंतरिम राष्ट्रपति और सेना प्रमुख हैं। चुनाव की तैयारी के लिए राजनीतिक दल पंजीकरण और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन प्रशिक्षण शुरू हो गया है। साथ ही, जुंटा सरकार ने घोषणा की है कि चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने वाले बयानों या आंदोलनों के लिए 10 साल तक की जेल की सजा हो सकती है।
सरकार ने उठाया अहम कदम
हालांकि पिछले साल की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि देश की लगभग 1.9 करोड़ की कुल आबादी के बारे में जानकारी एकत्र करना संभव नहीं था। सैन्य शासन का कहना है कि सुरक्षा प्रतिबंधों के कारण कई इलाकों में जनगणना नहीं हो सकी। विश्लेषकों के अनुसार इसका मतलब है कि चुनाव का दायरा सीमित होगा।लोकतंत्र समर्थक विद्रोही समूह भी दिसंबर में होने वाले चुनावों के आसपास प्रतिरोध शुरू कर सकते हैं। सरकार ने कहा है कि ऐसे में जब सैन्य शासन सरकार ने हाल ही में हथियार डालने और “कानून के रास्ते पर लौटने” के इच्छुक लोगों के लिए नकद इनाम की घोषणा की है सरकार ने यह कदम उठाया है।
Read More : Youtube Banned: टीनएजर्स के लिए YouTube बैन, सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी जरूरी…