Mustafabad Building Collapsed News: दिल्ली के मुस्तफाबाद के शक्ति विहार इलाके में शनिवार, 19 अप्रैल को तड़के एक चार मंजिला इमारत भरभराकर गिर गई। इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि मलबे से 22 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। घटना के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जो बेहद डरावने और हृदय विदारक हैं। हादसे के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है।
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एमसीडी मेयर ने दिए कार्रवाई के निर्देश
घटना की गंभीरता को देखते हुए एमसीडी के मेयर महेश खीची ने निगम आयुक्त को निर्देश दिए हैं कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि क्षेत्र में अवैध निर्माण वर्षों से बड़ी समस्या रहा है, लेकिन इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
दिल्ली सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप
घटनास्थल पर पहुंचे स्थानीय विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने दिल्ली सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वे विधानसभा में बार-बार अवैध इमारतों का मुद्दा उठा चुके हैं। “25-50 गज की जगह पर बनी बहुमंजिला इमारतों में सैकड़ों लोग रह रहे हैं, जो खुद में एक बड़ा खतरा है। मैं एलजी, पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों से मिल चुका हूँ, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई,” उन्होंने कहा।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने जताया शोक
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हादसे में मारे गए लोगों के प्रति गहरी संवेदना जताई और इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। उन्होंने कहा कि इस घटना ने मन को व्यथित कर दिया है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। सीएम ने मामले की जांच के आदेश देते हुए कहा कि जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।
राहत और बचाव कार्यों में जुटी टीमें
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि डीडीएमए, एनडीआरएफ, डीएफएस और अन्य एजेंसियां लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हैं। सभी घायलों का इलाज नजदीकी अस्पतालों में किया जा रहा है। गंभीर रूप से घायल दो बच्चों को जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हादसे के मलबे से अब तक छह शव निकाले गए हैं, जिनमें एक महिला और एक पुरुष के साथ बच्चे भी शामिल हैं।
अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका
उत्तर-पूर्वी जिले के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त संदीप लांबा ने बताया कि इस चार मंजिला इमारत में लगभग 20 से 25 लोग रह रहे थे। अब भी मलबे में 8 से 10 लोगों के फंसे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, दिल्ली पुलिस, डॉग स्क्वॉड और फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार मौके पर जुटी हैं और बचाव कार्य जारी है।मुस्तफाबाद की यह दर्दनाक घटना न सिर्फ एक बड़ा मानवीय संकट है, बल्कि यह दिल्ली में लगातार बढ़ रहे अवैध निर्माणों की पोल भी खोलती है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या प्रशासन इस हादसे से कोई सबक लेता है या फिर फिर किसी और मोहल्ले में ऐसा मंजर दोहराया जाएगा।
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