Mushfiqur Rahim Retirement: बांग्लादेश के दिग्गज क्रिकेटर मुशफिकुर रहीम ने अपने करियर के 19 साल बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया है। उन्होंने यह घोषणा सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से की, जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सप्ताह उनके लिए बहुत चुनौतीपूर्ण रहे और इसी कारण उन्हें यह महसूस हुआ कि अब उनके वनडे करियर पर पर्दा डालने का समय आ गया है।
मुशफिकुर की वनडे करियर पर नजर

मुशफिकुर रहीम ने बांग्लादेश के लिए 274 वनडे मैचों में 7795 रन बनाए हैं, जिसमें 9 शतक और 49 अर्धशतक शामिल हैं। 37 वर्षीय इस बल्लेबाज ने अपने करियर में 36.42 की औसत से रन बनाते हुए बांग्लादेश क्रिकेट को कई यादगार पल दिए हैं। उनके नाम 243 कैच और 56 स्टंपिंग्स भी हैं। बांग्लादेश क्रिकेट में मुशफिकुर रहीम का स्थान हमेशा याद किया जाएगा, क्योंकि उन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से टीम को कई महत्वपूर्ण मुकाबलों में जीत दिलाई।
मुशफिकुर रहीम का संदेश
मुशफिकुर ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा, “मैंने हमेशा अपने देश के लिए मैदान पर उतरे समय 100 प्रतिशत से अधिक दिया है। हमारी अंतरराष्ट्रीय उपलब्धियां भले ही सीमित रही हो, लेकिन मेरा समर्पण कभी भी कम नहीं हुआ।” उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों और फैंस का भी आभार व्यक्त किया, जिन्होंने उन्हें 19 सालों तक क्रिकेट खेलने का समर्थन किया।
चैलेंजिंग सप्ताहों के बाद लिया संन्यास का फैसला

मुशफिकुर रहीम ने अपनी पोस्ट में यह भी बताया कि पिछले कुछ सप्ताह उनके लिए बहुत कठिन रहे, और इन अनुभवों ने उन्हें यह समझने में मदद की कि उनके लिए अब वनडे क्रिकेट छोड़ने का समय आ चुका है। उन्होंने अपने इस फैसले को अपनी नियति मानते हुए अपने करियर को समाप्त करने का निर्णय लिया।
चैंपियंस ट्रॉफी में निराशाजनक प्रदर्शन
मुशफिकुर रहीम का चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। बांग्लादेश की टीम बिना किसी जीत के जल्दी बाहर हो गई थी। बांग्लादेश के पहले मैच में भारत के खिलाफ मुशफिकुर गोल्डन डक पर आउट हो गए थे, जबकि दूसरे मैच में न्यूजीलैंड के खिलाफ केवल 2 रन ही बना सके। पाकिस्तान के खिलाफ तीसरा और अंतिम मैच बारिश के कारण रद्द हो गया। यह टूर्नामेंट उनके लिए एक खट्टी याद बनकर रह गई।
संन्यास के बाद मुशफिकुर का भविष्य

मुशफिकुर रहीम के संन्यास की घोषणा के बाद बांग्लादेश क्रिकेट में एक युग का समापन हो गया। उनके फैसले से टीम में एक बड़ा बदलाव आ सकता है, लेकिन उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनकी भूमिका बांग्लादेश क्रिकेट के इतिहास में हमेशा महत्वपूर्ण रहेगी, और वह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे।