All Party Meeting: संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू होने से एक दिन पहले, रविवार को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें कुछ क्षेत्रीय दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांगने की बात उठाई। इस बैठक में केंद्र सरकार में सहयोगी एनडीए (NDA) के घटक दल भी शामिल थे। कांग्रेस नेता जयराम रमेश (JaiRam Ramesh) ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया के जरिए जानकारी साझा की।
राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बैठक
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) की अध्यक्षता में हुई इस सर्वदलीय बैठक में जदयू, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) जैसे दलों ने अपने-अपने राज्यों के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि जदयू नेता ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की, जबकि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी ने आंध्र प्रदेश के लिए यही मांग उठाई। हालांकि, हैरानी की बात यह रही कि टीडीपी नेता इस मुद्दे पर चुप रहे।
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राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव
जयराम रमेश ने एक अन्य पोस्ट में लिखा कि राजनीतिक परिदृश्य किस तरह बदल गया है। बीजू जनता दल के नेता ने राजनाथ सिंह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा को याद दिलाया कि भाजपा ने 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणापत्र में ओडिशा को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया था। अब ओडिशा में भाजपा सत्ता में है और बीजद इस वादे की याद दिला रहा है।
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सरकारी और विपक्षी दलों की भागीदारी
इस बैठक में सरकार की तरफ से राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी. नड्डा, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू, और खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान सहित कई केंद्रीय मंत्री मौजूद थे। कांग्रेस की ओर से जयराम रमेश, गौरव गोगोई, के. सुरेश और प्रमोद तिवारी शामिल थे। समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, डीएमके से तिरुचि शिवा और टी.आर. बालू, आप से संजय सिंह, और एआईएमआईएम (AIMIM) से असदुद्दीन ओवैसी सहित अन्य राजनीतिक दलों के कई नेता भी बैठक में मौजूद थे। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस से कोई भी नेता इस सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुआ।
सर्वदलीय बैठक का उद्देश्य
सरकार का उद्देश्य इस सर्वदलीय बैठक में दोनों सदनों के सभी राजनीतिक दलों को सत्र के सरकार के एजेंडे और विधेयकों के बारे में जानकारी देना था। बैठक में विपक्षी दलों से संसद की कार्यवाही सुचारू ढंग से चलने देने का अनुरोध भी किया गया। विपक्षी दलों ने भी अपने-अपने एजेंडे सामने रखे, जिन पर वे सदन में चर्चा चाहते हैं।
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मानसून सत्र का कार्यक्रम
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, मानसून सत्र 22 जुलाई से 12 अगस्त तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की 16-16 बैठकें होंगी। पहले दिन सोमवार को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा। दूसरे दिन 23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट लोकसभा में पेश करेंगी।
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विशेष राज्य का दर्जा: एक महत्वपूर्ण मुद्दा
विशेष राज्य का दर्जा मांगने वाले दलों की यह मांग नई नहीं है। बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा जैसे राज्य लंबे समय से इस दर्जे की मांग कर रहे हैं। इस दर्जे के तहत राज्यों को केंद्र से विशेष आर्थिक सहायता और अन्य लाभ मिलते हैं, जो राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विशेष राज्य का दर्जा देना एक महत्वपूर्ण निर्णय हो सकता है, जो राज्यों की आर्थिक स्थिति और विकास की गति को प्रभावित कर सकता है। यह देखा जाना चाहिए कि केंद्र सरकार कैसे इन मांगों का समाधान करती है और क्या कदम उठाती है।
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