Monkeypox: भारत में मंकीपॉक्स का पहला संदिग्ध मामला, केंद्र ने जारी किया कोरोना जैसा अलर्ट!

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
Monkeypox

Monkeypox: इन दिनों मंकीपॉक्स के संक्रमण ने वैश्विक स्वास्थ्य संकट का रूप ले लिया है। इस संक्रमण ने अफ्रीकी देशों से होते हुए अब यूएस-यूके और कई एशियाई देशों में भी फैलाव दिखाया है। हाल ही में भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी कि एक विदेशी यात्री को मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) वायरस के संदिग्ध मामले के तहत अस्पताल में आइसोलेट किया गया है। मंत्रालय के अनुसार, इस शख्स की हालत में सुधार हो रहा है और उसके नमूनों की जांच की जा रही है ताकि वायरस की पुष्टि की जा सके।

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मंकीपॉक्स को ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित किया गया

मंकीपॉक्स संक्रमण के मामले सबसे अधिक मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के देशों में देखे गए हैं। विशेष रूप से, कांगो में 18,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आ चुके हैं और कम से कम 610 लोगों की मौत हो चुकी है। इस गंभीर संक्रमण की स्थिति को देखते हुए, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे ‘ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी’ घोषित किया है। भारत में भी मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के मद्देनजर हाल ही में अलर्ट जारी किया गया है।

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स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा चिंता की आवश्यकता नहीं

स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि मंकीपॉक्स के संदिग्ध मामले को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि इसे नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा निगरानी में रखा जा रहा है। मंत्रालय ने बताया कि देश ऐसे ट्रैवल रिलेटेड मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और ऐसे मामलों की पहचान के लिए ट्रेसिंग चैनल भी स्थापित किए गए हैं।

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मंकीपॉक्स क्या है?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंकीपॉक्स एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित व्यक्ति या जानवर के सीधे संपर्क में आने से फैलती है। इसे एमपॉक्स भी कहा जाता है। यह वायरस आमतौर पर जानवरों और मनुष्यों दोनों को प्रभावित कर सकता है। मंकीपॉक्स के लक्षण आमतौर पर 3 से 17 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं, जिसे इनक्यूबेशन पीरियड कहा जाता है। संक्रमित व्यक्ति के शरीर के तरल पदार्थ या घाव के संपर्क में आने से भी यह संक्रमण फैल सकता है।

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मंकीपॉक्स के लक्षण

मंकीपॉक्स बीमारी आमतौर पर 2 से 4 सप्ताह तक रहती है। इसके लक्षणों में शामिल हैं:

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • मांसपेशियों में दर्द
  • ठंड लगना
  • थकान

संक्रमण का असर और उपचार

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, मंकीपॉक्स संक्रमण का असर कुछ मामलों में दो से चार सप्ताह तक रह सकता है। हालांकि, समय पर निदान और उचित उपचार से ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। यदि किसी में लक्षण दिखाई दें या संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आएं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

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आइसोलेशन की महत्वता

वायरस के प्रसार को रोकने के लिए, संक्रमित व्यक्तियों को अलग रखा जाना चाहिए। मंकीपॉक्स सीधे संपर्क, शरीर के तरल पदार्थ और सांस के जरिए भी फैल सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी लोगों को संक्रमण के प्रति सतर्क रहने की सलाह दी है और संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।

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