Monkeypox Alert in Uttarakhand: मंकी पॉक्स के खतरे को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है, और भारत भी इस वायरस के प्रति सतर्क है। BHU-IMS जैसे प्रमुख संस्थान इस वायरस को लेकर पूरी तरह से चौकस हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में मंकी पॉक्स के कुछ केस पहले रिपोर्ट किए गए हैं, और इसके मुख्य ट्रांसमिशन रूट्स में एक तो संक्रमित व्यक्तियों के सीधे संपर्क से है और दूसरा सेक्सुअल ट्रांसमिशन के माध्यम से है।
हालांकि, राहत की बात यह है कि मार्च 2024 के बाद से भारत में मंकी पॉक्स का कोई नया केस सामने नहीं आया है। इस स्थिति की निगरानी जारी रहेगी, और स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं ताकि वायरस के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।ऐसे में प्रदेश का स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट हो गया है।स्वास्थ्य विभाग ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए है। जिसमें बीमारी की रोकथाम के लिए सतत निगरानी की हिदायत दी गई है।
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“मरीजों की गहन निगरानी करते हुए परीक्षण किया जाए”
स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तारा आर्य की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि एसटीडी क्लीनिक के साथ-साथ स्किन, मेडिसिन व पेडिएट्रिक ओपीडी में मरीजों की गहन निगरानी करते हुए परीक्षण किया जाए। ताकि संदिग्धों की पहचान की जा सके। संदिग्धों की पहचान होने पर नमूना (स्वाब) संकलित कर सुरक्षित तरीके से अधिकृत लैब को भेजा जाए।मंकीपाक्स के संदिग्ध मरीज मिलने पर इसकी सूचना जिला सर्विलांस इकाई को दी जाए।
जो ऐसा कोई भी मरीज मिलने पर उसके संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उन्हें आइसोलेट करेगी। स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा है कि सभी जिलों में अस्पताल चिन्हित कर वहां पर्याप्त मानव संसाधन के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित कर ली जाएं।
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मंकीपॉक्स के लक्षण
- बुखार, दर्द या लिम्फ नोड्स में सूजन
- नया दाने या घाव
- छाती में दर्द
- भ्रम
- बोलने में कठिनाई
- होश खो देना
- गतिशीलता की हानि
- बरामदगी
- साँस लेने में तकलीफ़
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कोरोना-मंकी पॉक्स में कौन ज्यादा खतरनाक
कोरोना से मंकी पॉक्स काफी अलग है। मंकी पॉक्स की तुलना में कोरोना में इन्फेक्शन का ज्यादा खतरा था। सांस और हवा के प्रभाव की वजह से भी लोग कोरोना की चपेट में आ रहे थे। लेकिन मंकी पॉक्स में ऐसी स्थिति नहीं है। मंकी पॉक्स में जब तक क्लोज कांटेक्ट नहीं होगा तब तक इन्फेक्शन नहीं फैलेगा।