पीरियड मिस हो जाना, ये एक ऐसी सिचुऐशन है जिससे लगभग हर लड़की अपनी जिंदगी में कभी ना कभी गुजरती है। अगर आप मैरिड है और आपको बच्चा नहीं चाहिए तो ये सिचुऐशन कहीं ना कहीं आपको परेशान कर सकती है लेकिन जरा उस लड़की के बारे में सोचिए जो अनमैरिड है, अपने करियर से लेकर परिवार की इज्जत तक तरह-तरह के ख्याल उसके मन में आते है।
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क्या करना चाहिए ऐसी सिचुऐशन में
सबसे पहले तो इस सिचुऐशन में घबराना बिल्कुल बंद करे, क्योंकि आपके पीरियड मिस होने के बहुत सारे दूसरे रिजन भी हो सकते है। सभी महिलाएं इस बात पर सहमत होती हैं कि यदि पीरियड देर से आते हैं, तो गर्भधारण की संभावना होती है, जो भ्रम हमेशा सही नहीं होता हालांकि, पीरियड्स में देरी या लेट पीरियड्स के कई कारण हो सकते हैं, जो हर महिला में अलग-अलग होते हैं।

देर से पीरियड हार्मोनल असंतुलन या मेनोपॉज में संक्रमण के कारण हो सकता है। एक सामान्य पीरियड साइकिल 28 दिनों तक चलती है, और नियमित पीरियड में 38 दिन तक की देरी हो सकती है। 38 दिनों के बाद यदि पीरियड देर से आटे हैं, तो इसे देर से आने वाली अवधि मानी जाती है।
पीरियड में देरी के लक्षण
- PCOD का होना
- प्रोलैक्टिन हार्मोन का बढ़ना
- हीमोग्लोबिन का कम होना
- अधिक तनाव का होना
- शेड्यूल में बदलाव होना
- थायराइड और डायबिटीज का होना

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पीरियड्स में देरी या लेट पीरियड्स के कई कारण हो सकते हैं, जो हर महिला में अलग-अलग होते हैं…. देर से पीरियड हार्मोनल असंतुलन या मेनोपॉज में संक्रमण के कारण हो सकता है…एक सामान्य पीरियड साइकिल 28 दिनों तक चलती है, और नियमित पीरियड में 38 दिन तक की देरी हो सकती है… 38 दिनों के बाद यदि पीरियड देर से आटे हैं, तो इसे देर से आने वाली अवधि मानी जाती है…
पीरियड मिस होने से बचने के उपाय
अगर आप अपने पीरियड को नियमित रखना चाहती हैं, तो आपको कुछ बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए जैसे कि सोने और जगने का समय तय करना, डाइट में हरी सब्जियों और फलों को शामिल करना, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, रोजाना हल्का-फुल्का व्यायाम और मेडिटेशन करना, शराब, सिगरेट और दूसरी नशीली चीजों से दूर रहना, अपने वजन को कम रखना और तनाव से बचना आदि… यदि इन सबसे भी कोई फायदा नहीं हो तो फिर आपको स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह करना चाहिए।
पीरियड्स न आए तो क्या ना करें?
- पीरियड्स न आने पर घबराएं नहीं
- घरेलू नुस्खों पर भरोसा ना करें
- पीरियड्स न आने पर तनाव न लें
- डाइट में बदलाव न करें
- पीरियड्स न आने पर डॉक्टर से लें परामर्श
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पीरियड को लाने के उपाय में जीवनशैली में सकारात्मक बदलाव लाना, डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों और फलों को शामिल करना, सिगरेट, शराब और अन्य नशीली चीजों से दूर रहना और परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श करना शामिल है। पीरियड मिस होने पर घरेलू उपाय के साथ-साथ डॉक्टर कुछ ख़ास दवाओं के सेवन का सुझाव दे सकते हैं, आपके लिए क्या बेहतर है इस बारे में डॉक्टर से बात करें।
पीरियड महिलाओं को हर महीने होने वाला एक नेचुरल प्रोसेस है। नॉर्मल पीरियड साइकिल 28 दिनों का होता है लेकिन ये अवधि कम और ज्यादा दोनों हो सकती है। ये साइकिल 21 दिनों से 40 दिनों तक का हो सकता है। अगर हर महीने पीरियड 40 दिनों बाद आए तो उसे अनियामित पीरियड माना जाता है।