Milkipur By Election Result 2025: सपा को लगा झटका अयोध्या जिले की मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है, और अब यह साफ हो चुका है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस सीट पर अपनी धाक जमाकर समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका दिया है। इस उपचुनाव को लेकर सपा और बीजेपी दोनों के लिए यह सीट साख की लड़ाई बन गई थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे जीतने के लिए हर संभव प्रयास किए, और उन्होंने अपनी पार्टी की स्थिति मजबूत की है।
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बंपर वोटिंग के पीछे की वजहें?

मिल्कीपुर उपचुनाव में 65% से ज्यादा वोटिंग हुई है, जो कि पहले के चुनावों से काफी ज्यादा है। 2022 विधानसभा चुनाव में यह आंकड़ा लगभग 60% था। इस अप्रत्याशित बंपर वोटिंग ने राजनीतिक जानकारों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि इतनी ज्यादा वोटिंग हुई। चुनाव के दौरान सपा ने बड़े पैमाने पर धांधली, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग और फर्जी वोटिंग का आरोप लगाया। खासकर बुर्का हटाकर वोटरों की चेकिंग करने की घटनाओं ने चुनावी माहौल को और गर्म कर दिया।
सपा की हार का कारण

मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा की हार का एक प्रमुख कारण उम्मीदवार का चयन भी माना जा रहा है। सपा ने इस सीट से अवधेश प्रसाद के बेटे को प्रत्याशी घोषित किया, जबकि पार्टी कार्यकर्ता चाहते थे कि लोकसभा चुनाव में उनके द्वारा किए गए संघर्ष को देखा जाए और उन्हीं में से किसी को उम्मीदवार बनाया जाए। यह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए एक बड़ा झटका था और इस कारण कई स्थानीय नेता नाराज हो गए थे। परिणामस्वरूप, सपा के कई बागी नेता जैसे जिला अध्यक्ष सूरज चौधरी ने सपा को छोड़कर आजाद समाज पार्टी का हाथ थामा और चुनावी मैदान में उतर गए।
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बीजेपी की रणनीतियां और सफलता के कारण

बीजेपी ने मिल्कीपुर में सपा के गढ़ में सेंध लगाने में सफलता हासिल की। पार्टी ने अपने जातिगत समीकरण को मजबूत किया और बूथ प्रबंधन में भी बेहतर रणनीतियां अपनाई। बीजेपी ने अपने रूठे नेताओं को भी समझाया और उन्हें पार्टी के साथ जोड़कर चुनावी मैदान में उतारा। इसके अलावा, बीजेपी ने सपा के कोर वोट बैंक को तोड़ने में भी कामयाबी हासिल की। इस चुनाव में बीजेपी ने अपने सभी मोर्चों पर सपा को घेरते हुए बढ़त बनाई, और इसका असर नतीजों पर भी पड़ा।
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लोकसभा चुनाव के बाद बढ़ी सपा की मुश्किलें

लोकसभा चुनाव के बाद सपा को मिल्कीपुर में झटका लग चुका था, जब बीजेपी ने अयोध्या की फैजाबाद सीट पर जीत हासिल की थी। इसके बाद से सपा की स्थिति कमजोर हुई, और पार्टी को यह उम्मीद थी कि मिल्कीपुर उपचुनाव में वापसी कर पाएगी, लेकिन बीजेपी ने इस बार भी अपने रणनीतिक कदमों से सपा को शिकस्त दी।