Manipur: मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा की आग झुलस रही है। साल 2024 के पहले ही दिन थोबल के लिलोंग चिंगजाओ में चार लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। वहीं हादसे में कई अन्य लोग घायल भी हुए है। मारे गए लोगों का शव परिवार वालों ने लेने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही परिवार वालों नें राज्य सरकार को एक ज्ञापन सौंपा है। जिसमें मैतेई मुस्लिम समुदाय के लिए सुरक्षा बलों की तैनाती की मांग की गई है।
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राज्य सरकार ने एसआईटी के गठन को दिया आदेश
राज्य सरकार को दिए गए ज्ञापन में समुदाय ने इस हादसे की जांच केंद्रीय जांच एजेंसी से कराने की भी मांग रखी है।जिसके बाद राज्य सरकार ने एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का आदेश दिया है, जिसका नेतृत्व मणिपुर पुलिस के उप-विभागीय पुलिस अधिकारी मोहम्मद रियाजुद्दीन शाह करेंगे। मैतेई समुदाय ने अपने ज्ञापन में कहा, ‘राज्य सरकार को 48 घंटों के भीतर मांगे पूरी करनी चाहिए। अगर मांगे पूरी नहीं होती है तो वे अपने परिजनों का शव नहीं लेंगे।’
जाने पूरा मामला?
बता दे कि नए साल के पहले दिन सोमवार की शाम को ये हादसा हुआ। करीब 20-25 उग्रवादी लिलोंग चिंगजाओ इलाके में एक व्यापारी के घर लूटपात करने आए थे। घटना के बारे में स्थानीय लोगों ने बताया कि जब व्यापारी के घर पर भीड़ जमा हो गई तो उग्रवादियों ने उनपर गोली चला दी। वहीं घटना के बारें में पुलिस का कहना है कि यह घटना जातीय हमलों से जुड़ा नहीं है। दरअसल, जब राज्य में मैतेई और कुकी के बीच जातीय संघर्ष शुरू हुआ तो मैतेई मुस्लिम समुदाय इसमें शामिल नहीं हुआ था।
मैतेई मुस्लिम समुदाय ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ की बैठक
आपको बता दे कि सोमवार को हुए हादसे को लेकर मैतेई मुस्लिम समुदाय ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर यह स्पष्ट किया कि कि सोमवार को हुए हमले जातीय संघर्ष का हिस्सा नहीं था। उन्होंने बताया, ‘हमने अपने समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने का आग्रह किया है। हम इन झड़पों में बिलकुल भी शामिल नहीं है।’
सीएम बीरेन सिंह ने घायलों के परिजनों से मुलाकात की
इस गोलीबारी के बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने घायलों के परिजनों से मुलाकात की। फिलहाल क्षेत्र की स्थिति शांतिपूर्ण है। प्रतिबंधित रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट ने कथित तौर पर इस गोलीबारी की जिम्मेदारी ली है। उन्होंने बताया कि वह एक ड्रग डीलर के घर गए थे, लेकिन जब डीलर की तरफ से उनके ऊपर गोलीबारी की गई तो उन्हें भी मजबूरी में जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी।
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