MeToo: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल,कई हाई प्रोफाइल हस्तियों के खिलाफ मामला दर्ज

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

MeToo: मलयालम फिल्म इंडस्ट्री (Malayalam film industry) में हाल ही में भूचाल आया है, जिसमें तीन प्रमुख अभिनेताओं पर दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगे हैं. आज अभिनेता और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक एम. मुकेश, जयसूर्या और मनियानपिल्ला राजू के खिलाफ केस दर्ज किए गए है. एम. मुकेश पर एक अभिनेत्री ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है, जिसमें कहा गया है कि अभिनेता ने कई साल पहले उसका यौन उत्पीड़न किया था. इसी आधार पर मुकेश के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.

Read More: लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद पहली बार बोलीं Smriti Irani…’मैंने अमेठी को विकास से मापा, हार-जीत से नहीं’

आरोपों की पुष्टि और पुलिस कार्रवाई

आरोपों की पुष्टि और पुलिस कार्रवाई

आपको बता दे कि कोच्चि के मरदु पुलिस थाने में बुधवार रात को मुकेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला इसलिए दर्ज किया गया है क्योंकि कथित अपराध भारतीय न्याय संहिता के लागू होने से पहले हुआ था. वहीं, एर्नाकुलम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मनियानपिल्ला राजू के खिलाफ फोर्ट कोच्चि पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत केस दर्ज किया गया है. तिरुवनंतपुरम में छावनी पुलिस ने पुष्टि की है कि जयसूर्या के खिलाफ भी इसी धारा के तहत मामला दर्ज किया गया है.

शिकायतकर्ता, जो खुद भी फिल्मों में काम कर चुकी हैं, ने इन तीनों के अलावा छोटे-मोटे अभिनेता इदावेला बाबू के खिलाफ भी यौन शोषण के आरोप लगाए हैं. उन्होंने अपनी फेसबुक पोस्ट में कहा था, “मैं मलयालम फिल्म उद्योग में मुकेश, मनियानपिल्ला राजू, इदावेला बाबू, जयसूर्या, एडव चंद्रशेखरन, प्रोडक्शन कंट्रोलर नोबल और विचू के हाथों शारीरिक और मौखिक दुर्व्यवहार की घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए लिख रही हूं. 2013 में एक प्रोजेक्ट पर काम करते समय इन व्यक्तियों ने मेरा उत्पीड़न किया.”

Read More: BJP से मिली नसीहत के बाद नरम पड़े Kangana Ranaut के सुर…किसानों पर दिए बयान पर मांगी माफी

न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट

न्यायमूर्ति हेमा समिति की रिपोर्ट

इन आरोपों की बाढ़ पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति हेमा समिति (Justice Hema Committee) की रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद आई है. 235 पन्नों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि मलयालम फिल्म उद्योग पर 10-15 पुरुष निर्माता, निर्देशक और अभिनेताओं का नियंत्रण है। राज्य सरकार ने 2017 में तीन सदस्यीय न्यायमूर्ति हेमा समिति का गठन किया था, जिसने 2019 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। हालांकि, रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया था क्योंकि इसे जारी करने पर कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था.

रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद मलयालम फिल्म जगत (Malayalam film industry) की कई हाई प्रोफाइल हस्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. इससे पहले तिरुवनंतपुरम ‘म्यूजियम पुलिस’ ने अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ एक होटल में अभिनेत्री से दुष्कर्म के आरोप में मामला दर्ज किया था. इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के तहत निर्देशक रंजीत के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की गई थी, जब एक बंगाली अभिनेत्री ने 2009 की एक घटना को लेकर शिकायत की थी. इन आरोपों के चलते रंजीत ने केरल चलचित्र अकादमी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. सिद्दीकी ने भी अपने खिलाफ लगे आरोपों के बाद मलयालम मूवी आर्टिस्ट एसोसिएशन (एएमएमए) के महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था.

फिल्म इंडस्ट्री पर मंडराते संकट के बादल

फिल्म इंडस्ट्री पर मंडराते संकट के बादल

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री (Malayalam film industry) में इन हाई प्रोफाइल मामलों के सामने आने से उद्योग में उथल-पुथल मच गई है. हेमा समिति की रिपोर्ट के अनुसार, इंडस्ट्री पर कुछ ही पुरुषों का वर्चस्व है, जो फिल्म निर्माण और अभिनेताओं के चयन में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद इंडस्ट्री में एक नई बहस छिड़ गई है, जिसमें यौन शोषण और उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लेने की मांग की जा रही है. इस घटना ने मलयालम फिल्म इंडस्ट्री को एक बड़े संकट में डाल दिया है, जहां हर दिन नए आरोप और खुलासे सामने आ रहे हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि इन मामलों में न्याय और सच्चाई की जीत होती है या फिर यह भी अन्य मामलों की तरह समय के साथ दब जाएगा.

Read More: Kolkata Rape Case के विरोध में BJP-TMC में तकरार,सख्त एक्शन के लिए गृह मंत्री के पास पहुंची चिट्ठी

Share This Article
Exit mobile version