Mehbooba Mufti: जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने पहलगाम आतंकवाद के प्रायोजक पाकिस्तान से बातचीत का संदेश दिया है। सोमवार को पीडीपी नेता ने केंद्र से अपील की कि अगर भारत शांति, समृद्धि और प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना चाहता है तो उसे युद्ध की भाषा छोड़कर पाकिस्तान से बात करनी चाहिए और समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
महबूबा मुफ़्ती ने की अपील
शनिवार को श्रीनगर के शोर-ए-कश्मीर पार्क में पार्टी के 26वें स्थापना दिवस पर संबोधित करते हुए महबूबा मुफ़्ती ने कहा “जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के दुश्मन नहीं हैं। हम सम्मान के साथ शांति चाहते हैं। यह दोस्ती के रास्ते पर ही संभव है।” इसके बाद, भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में उन्होंने कहा “अगर हमारा देश पूरी दुनिया के सामने अपनी ताकत दिखाना चाहता है और चीन को पीछे छोड़कर सबसे आगे आना चाहता है तो हमें युद्ध छोड़ना होगा। हमें पाकिस्तान के साथ बातचीत के ज़रिए समस्या का समाधान करना होगा।” महबूबा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि दोनों देशों को संघर्ष की राजनीति छोड़कर एकता के साथ रहना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने संसद में दिया जबाव
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए थे। उस घटना के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंपों को तबाह कर दिया गया था। भारत का साफ संदेश था कि आतंकवाद और बातचीत कभी साथ-साथ नहीं चल सकते। सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संसद में इस मुद्दे पर साफ संदेश दिया। बताया कि भारत ने धर्म की रक्षा में भगवान कृष्ण से सुदर्शन चक्र लेना सीखा है। अगर पाकिस्तान कुछ भी करता है तो उसका जवाब दिया जाएगा। मोदी सरकार के नेतृत्व में किसी भी तरह के आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि महबूबा का यह संदेश राष्ट्रीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे सकता है।
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