Delhi में आज हुआ MCD Ward कमेटियों के चुनाव, उपराज्यपाल ने दिया था समय पर संपन्न कराने का आदेश

Akanksha Dikshit
By Akanksha Dikshit
दिल्ली में एमसीडी वार्ड

Delhi MCD Ward Committee Election: दिल्ली में एमसीडी वार्ड कमेटियों और स्थायी समिति के सदस्यों के चुनाव में लंबे घमासान के बाद स्थिति में सुधार हुआ है। बुधवार को होने वाले चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर महापौर डा. शैली ओबेराय ने देर रात तक निर्णय लेने से इनकार कर दिया था। इसके बाद उपराज्यपाल वीके सक्सेना को हस्तक्षेप करना पड़ा, जिन्होंने चुनाव प्रक्रिया को समय पर संपन्न कराने के निर्देश दिए।

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उपराज्यपाल ने दिया आदेश

उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर एमसीडी कमिश्नर अश्विनी कुमार ने रात करीब 11 बजे सभी जोन के उपायुक्तों को चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी नियुक्त कर दिया। इसके परिणामस्वरूप, वार्ड कमेटियों के चुनाव बुधवार को निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित किए गए हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिविक सेंटर में पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिसमें दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती शामिल है।

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वार्ड कमेटियों के चुनाव के परिणाम

रोहिणी जोन में चेयरमैन पद पर आम आदमी पार्टी ने जीत हासिल की है, जबकि केशवपुरम जोन में भाजपा के योगेश वर्मा ने निर्विरोध जीत दर्ज की है। सिटी एसपी में किरण बाला डिप्टी चेयरमैन और पुनरदीप साहनी स्थायी समिति के सदस्य बने हैं। करोल बाग में ज्योति गौतम को डिप्टी चेयरमैन और अंकुश नारंग को स्थायी समिति का सदस्य चुना गया है। इसके अलावा, करोल बाग जोन में राकेश जोशी और मो. सादिक भी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं।

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चुनाव प्रक्रिया पर उठा विवाद

महापौर डा. शैली ओबेराय ने चुनाव रोकने का निर्णय लिया था, यह आरोप लगाते हुए कि पार्षदों को नामांकन के लिए अपर्याप्त समय दिया गया। इस निर्णय के परिणामस्वरूप चुनाव प्रक्रिया में देरी हुई। उपराज्यपाल ने एमसीडी एक्ट के अनुच्छेद 487 का उपयोग करते हुए चुनाव कराने के निर्देश दिए, जिससे चुनाव की राह साफ हुई। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त में दिए गए आदेश ने उपराज्यपाल को दिल्ली सरकार के परामर्श के बिना एमसीडी में एल्डरमेन नियुक्त करने की अनुमति दी, जिससे वार्ड कमेटियों के चुनाव का रास्ता खुल गया।

इन चुनावों में आम आदमी पार्टी, भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कुल 60 पार्षद शामिल होंगे। महापौर द्वारा चुनाव रोकने का निर्णय भाजपा के बढ़ते प्रभाव के चलते उठाया गया था। यह आशंका जताई जा रही थी कि भाजपा एल्डरमेन की नियुक्तियों के माध्यम से संख्या में बढ़त ले सकती है।

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