Mauni Amavasya Katha:29 जनवरी 2025 को मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya 2025) का पर्व मनाया जा रहा है, जो खासतौर पर माघ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाई जाती है। इस दिन महाकुंभ का अमृत स्नान भी आयोजित होता है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते हैं और पितरों को तर्पण करने से उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही मौनी अमावस्या पर कथा का पाठ करना भी बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे धार्मिक लाभ और पुण्य की प्राप्ति का मार्ग माना जाता है।
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कथा का पाठ क्यों है जरूरी?
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन यदि पवित्र नदी में स्नान करने के बाद कथा का पाठ किया जाए तो सभी प्रकार के संकट और दुखों का निवारण होता है।

इस दिन पूजा और व्रत का विशेष महत्व है, और यह माना जाता है कि बिना कथा के पाठ के पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल प्राप्त नहीं होते। इस दिन विशेष रूप से पितरों के तर्पण और उनका सम्मान करना आवश्यक होता है। इस दिन कथा का पाठ करने से व्यक्ति को पितरों की कृपा मिलती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
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मौनी अमावस्या की पौराणिक कथा
मौनी अमावस्या की एक प्रसिद्ध पौराणिक कथा भी है, जो इस दिन के महत्व को और बढ़ाती है। कथा के अनुसार, कांचीपुरी नगर में एक ब्राह्मण परिवार रहता था।

देवस्वामी ब्राह्मण के आठ संतानें थीं—सात पुत्र और एक पुत्री। सभी पुत्रों की शादी हो गई थी, लेकिन पुत्री का विवाह वैधव्य दोष के कारण नहीं हो सका। देवस्वामी ने इस दोष को दूर करने के लिए अपने पुत्र और पुत्री को सोमा धोबिन के घर भेजा, क्योंकि पंडितों के अनुसार, यदि सोमा धोबिन विवाह में उपस्थित रहती है, तो वैधव्य दोष समाप्त हो जाता है।
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ब्राह्मण परिवार की मदद

देवस्वामी के पुत्र और पुत्री दोनों गिद्ध माता की सहायता से सोमा धोबिन के घर पहुंचे। वहां आकर उन्होंने सोमा धोबिन की सहायता करना शुरू किया और घर के कामों में उनका हाथ बंटाया। एक रात, सोमा धोबिन ने गुणवती (देवस्वामी की पुत्री) को काम करते देखा और इसके बाद वह हैरान हो गईं। सोमा ने दोनों से यह जानना चाहा कि वे मदद क्यों कर रहे हैं।
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कथा का संदेश
यह कथा यह संदेश देती है कि इस दिन किए गए अच्छे कार्य और पुण्य का फल शीघ्र ही मिलता है। साथ ही, यह भी दर्शाती है कि भगवान की कृपा से ही किसी व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं। मौनी अमावस्या के दिन कथा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में शांति और समृद्धि आती है, और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।