ज्ञानवापी के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मथुरा का ईदगाह मामला…

Shankhdhar Shivi
By Shankhdhar Shivi

मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर चल रहे भूमि विवाद में नया मोड़ आ गया है। वाराणसी में ज्ञानवापी की तरह ही शाही ईदगाह के वैज्ञानिक सर्वे की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।

मथुरा: याचिकाकर्ता ने वर्तमान में ज्ञानवापी में चल रहे पुरातत्व सर्वेक्षण के समान ही एक विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि को लेकर की है। श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही क्षेत्र के विस्तृत वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने सुप्रीम कोर्ट में एक विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की है। ट्रस्ट, जिसका प्रतिनिधित्व इसके अध्यक्ष सिद्धपीठ माता शाकुंभरी पीठाधीश्वर भृगुवंशी आशुतोष पांडे ने किया है, उन्होंने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में एक विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर की है।

शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंध समिति पहुंचा रही नुकसान…

याचिकाकर्ता भगुवंशी आशुतोष पांडे ने आरोप लगाया कि शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति जैसी संस्थाएं संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रही हैं। उन्होंने दावा किया कि मंदिर के स्तंभों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया गया है। जनरेटर का इस्तेमाल किया। इससे दीवारों और स्तंभों को ज्यादा नुकसान हुआ है।

मंदिर के स्तंभों को पहुंचाया गया नुकसान…

विभिन्न शिकायतों पर प्रकाश डालते हुए, याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि प्रतिवादी, जिनमें शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति जैसी उल्लेखनीय संस्थाएं शामिल हैं, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने में शामिल रहे हैं, विशेष रूप से ऐसे तत्व जो हिंदुओं के लिए धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखते हैं। उनका दावा है, कि उत्तरदाताओं ने मंदिर के स्तंभों और प्रतीकों को नुकसान पहुंचाया है, और जनरेटर का उपयोग किया है जिससे दीवारों और स्तंभों को और अधिक नुकसान हुआ है। उन्होंने परिसर में होने वाली प्रार्थनाओं (नमाज) और अन्य गतिविधियों पर भी चिंता जताई है।

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अमीन सर्वे के आदेश पर कोर्ट ने लगाई थी रोक…

इससे पहले शाही ईदगाह में कोर्ट ने अमीन सर्वे के आदेश दिए थे। हालांकि, बाद में इस पर कोर्ट की अपर बेंच ने रोक लगा दी थी। फिलहाल, जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद से जुड़े मामले हाईकोर्ट में विचाराधीन हैं। उधर, जिस श्री कृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने यह याचिका दाखिल की है। वह ट्रस्ट कुछ ही महीनों पहले गठित हुआ है।

भृगुवांशी आशुतोष पांडेय ने बताया कि कृष्ण जन्मभूमि याचिका के नतीजे पर न केवल मथुरा के लोग बल्कि पूरा देश उत्सुकता से नजर रखेगा। न्यायपालिका और संबंधित हितधारकों द्वारा उठाए गए अगले कदम यकीनन भारत के समृद्ध इतिहास को सामने लाने में मददगार साबित होंगे।

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