Manu Bhaker ने 20 साल बाद भारतीय महिला शूटर को ओलंपिक फाइनल में पहुंचाया

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

Paris Olympics 2024: पेरिस ओलंपिक 2024 (Paris Olympics 2024) में भारतीय शूटर (Indian shooter) मनु भाकर (Manu Bhaker) ने 10 मीटर एयर पिस्टल वूमेन्स इवेंट में शानदार प्रदर्शन करते हुए तीसरे स्थान पर आकर फाइनल में प्रवेश किया है. यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, क्योंकि 20 साल बाद किसी भारतीय महिला शूटर ने इस इवेंट के फाइनल में जगह बनाई है. आखिरी बार एथेंस ओलंपिक 2004 में सुमा शिरूर ने इस इवेंट के फाइनल में प्रवेश किया था.

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10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में तीसरे स्थान पर

10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में तीसरे स्थान पर

क्वॉलिफिकेशन दौर में, मनु भाकर (Manu Bhaker) ने 580-27x का स्कोर बनाया, जो उन्हें तीसरे स्थान पर ले गया. उनकी इस सफलता ने उन्हें फाइनल में स्थान दिलाया. मनु ने छह प्रयासों में 97, 97, 98, 96, 96 और 96 अंक प्राप्त किए. रिदिमा सांगवान (Ridhima Sangwan), जो भारतीय टीम की दूसरी शूटर थीं, ने 573-14x का स्कोर किया और 15वें स्थान पर रहीं.

फाइनल में 8 शूटरों के बीच मुकाबला

फाइनल में 8 शूटरों के बीच मुकाबला

फाइनल में 8 शूटरों के बीच मुकाबला होगा, जिसमें तीन स्वर्ण, एक सिल्वर और एक ब्रॉन्ज पदक के लिए प्रतिस्पर्धा होगी. हंगरी की वेरोनिका मेजर ने 582-22x के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि दक्षिण कोरिया की जिन ये ओह 582-20x के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. अन्य फाइनलिस्टों में वियतनाम की विन्ह थू त्रिन, दक्षिण कोरिया की येजी किम, चीन की जुए ली, तुर्की की इलायदा सेवाल तरहान और चीन की रेंक्सिन जियांग शामिल हैं.

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सबसे कम उम्र की भारतीय शूटर बनने का रिकॉर्ड

सबसे कम उम्र की भारतीय शूटर बनने का रिकॉर्ड

मनु भाकर (Manu Bhaker) की यात्रा काफी प्रेरणादायक रही है. 22 साल की उम्र में, उन्होंने 2018 में ISSF विश्व कप में स्वर्ण पदक जीतकर सबसे कम उम्र की भारतीय शूटर बनने का रिकॉर्ड स्थापित किया था. हालांकि, 2021 के टोक्यो ओलंपिक में उनके पिस्टल की खराबी के कारण उन्हें निराशा का सामना करना पड़ा था. उनके पिता मर्चेंट नेवी में थे और अक्सर घर से बाहर रहते थे, जिसके चलते उनकी मां ने मनु की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

21 सदस्यीय निशानेबाजी टीम की प्रमुख उम्मीद

 21 सदस्यीय निशानेबाजी टीम की प्रमुख उम्मीद

आज, मनु (Manu Bhaker) पेरिस ओलंपिक में भारत की 21 सदस्यीय निशानेबाजी टीम की प्रमुख उम्मीद बन चुकी हैं. उनके फाइनल में पहुंचने से देशवासियों को बहुत आशा है और उनकी इस उपलब्धि ने उन्हें भारतीय खेल जगत में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है. मनु भाकर की मेहनत और लगन ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया है, और उनकी सफलता भारतीय निशानेबाजी के भविष्य को उज्जवल बनाने में योगदान कर रही है.

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