Manoj Tiwari: बीजेपी सांसद और लोकप्रिय गायक मनोज तिवारी ने गुरुवार को घोषणा की कि वे 30 साल बाद फिर से कांवड़ यात्रा पर जा रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “सुप्रभात, जय भोले की! आज 31 जुलाई को मैं 30 साल बाद फिर से कांवड़ उठाकर बाबा वैद्यनाथ धाम जा रहा हूं.” मनोज तिवारी इस धार्मिक यात्रा के लिए बहुत उत्साहित नजर आए और उन्होंने भक्तों से आशीर्वाद मांगा.
सुल्तानगंज से देवघर तक पदयात्रा
मनोज तिवारी ने बताया कि वे आज दोपहर 2 बजे बिहार के सुल्तानगंज से जल लेकर नंगे पांव करीब 110 किलोमीटर की यात्रा शुरू करेंगे. उनकी यह यात्रा 2 या 3 अगस्त को देवघर में बाबा वैद्यनाथ धाम में जल अर्पित करने के साथ समाप्त होगी. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा, “प्रार्थना है कि भोले बाबा बिहार, दिल्ली और सभी सनातनियों व शिव भक्तों का कल्याण करें। मैं 3 अगस्त की शाम दिल्ली लौटूंगा।” उन्होंने अपने संदेश के अंत में “बोल बम” का नारा भी लगाया.
कांवड़ यात्रा का धार्मिक महत्व
कांवड़ यात्रा हिंदू धर्म की एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है, जो सावन मास में आयोजित होती है। इस वर्ष कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त को समाप्त होगी। इस दौरान श्रद्धालु गंगा नदी या उसकी सहायक नदियों से पवित्र जल लेकर अपने स्थानीय शिव मंदिरों में भगवान शिव को अर्पित करते हैं। यह यात्रा भक्ति, आस्था और समर्पण की मिसाल मानी जाती है। कांवड़िए नंगे पांव हजारों किलोमीटर तक जल लेकर चलते हैं, जिस पर लकड़ी के कांवड़ पर जल भरा कलश लटकाया होता है।
मनोज तिवारी की पदयात्रा का मार्ग
इस बार सांसद मनोज तिवारी बिहार के सुल्तानगंज से देवघर तक पैदल यात्रा करेंगे। यह मार्ग करीब 110 किलोमीटर का है, जो नंगे पांव तय किया जाएगा। यह यात्रा उनके लिए न केवल भक्ति का अनुभव है, बल्कि यह 30 वर्षों के बाद उनका एक आध्यात्मिक संकल्प भी है।
दिल्ली सरकार की तैयारियां और सुरक्षा प्रबंध
दिल्ली सरकार ने इस कांवड़ यात्रा को लेकर व्यापक तैयारियां की हैं। यात्रा के प्रमुख मार्गों पर पानी, चिकित्सा शिविर और शौचालय की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा, यातायात प्रबंधन के लिए वैकल्पिक रास्ते बनाए गए हैं। पुलिस सुरक्षा भी मजबूत की गई है, जिसमें 5,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं। भीड़ नियंत्रण के लिए धारा 144 लागू की गई है।
तकनीकी निगरानी और यात्री सुविधा
सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन से लगातार निगरानी की जा रही है। प्रशासन ने कांवड़ियों के लिए रुकने, विश्राम करने और भोजन की भी व्यवस्था की है, ताकि यात्रा सुचारू और सुरक्षित रूप से पूरी हो सके। इस तरह के इंतजामों से कांवड़ यात्रा में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को राहत मिल रही है।
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