Mangala Gauri Vrat 2025: सनातन धर्म का पवित्र महीना सावन कल यानी 11 जुलाई से आरंभ हो चुका है और इस माह में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं जिनका अपना महत्व होता है। इन्हीं में मंगला गौरी व्रत भी शामिल है। मंगला गौरी व्रत सावन माह के हर मंगलवार को किया जाता है।
इस दिन भक्त देवी मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करते हैं और दिनभर उपवास भी रखते हैं, मान्यता है कि ऐसा करने से शादीशुदा जीवन की परेशानियां दूर हो जाती हैं और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है। ऐसे में हम आपको बता रहे हैं कि सावन का पहला मंगला गौरी व्रत कब किया जाएगा और इसकी पूजा विधि क्या होगी।
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कब है पहला मंगला गौरी व्रत?

बता दें कि इस बार सावन की शुरुआत 11 जुलाई दिन शुक्रवार से हो चुकी है। सावन का पहला मंगलवार 15 जुलाई को है, इसी दिन पहला मंगला गौरी व्रत भी किया जाएगा। मंगला गौरी व्रत वाले दिन सौभाग्य और शोभन नाम के दो शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सूर्य और गुरु मिथुन राशि में रहेंगे। जिससे गुरु आदित्य नाम का योग भी रहेगा, जो बहुत ही शुभ फल प्रदान करने वाला होगा।
पूजा का शुभ मुहूर्त
आपको बता दें कि मंगला गौरी के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 9 बजकर 13 मिनट से 10 बजकर 53 तक रहेगा। इसके अलावा दोपहर 12 बजकर 6 से 12 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा तीसरा मुहूर्त 12 बजकर 32 मिनट से 2 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। आखिरी मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 52 मिनट से 5 बजकर 31 मिनट तक रहेगा।
व्रत पूजा की सरल विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। अब हाथ में जल, चावल और पुष्प लेकर मंगला गौरी व्रत पूजा का संकल्प करें। दिनभर नियमों का पालन करें। शुभ मुहूर्त में देवी पार्वती का चित्र घर में एक बाजोट के ऊपर स्थापित करें। इसके बाद माता को पुष्प माला अर्पित कर कुमकुम का तिलक लगाएं।
इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं और एक एक करके अबीर, गुलाल, रोली, पुष्प, चावल, पान सुपारी आदि चीजें अर्पित करें। मन ही मन देवी पार्वती के मंत्रों का जाप करें। अपनी इच्छा अनुसार माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें, फिर भोग लगाकर आरती करें।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है। प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।
