Mangala Gauri Vrat 2025: सनातन धर्म में वैसे तो हर महीने को विशेष बताया गया है लेकिन सावन का महीना बेहद ही खास होता है, जो कि भगवान शिव को समर्पित महीना होता है। इस महीने पड़ने वाला सोमवार जिस तरह शिव साधना के लिए उत्तम होता है। ठीक उसी तरह सावन माह में पड़ने वाला मंगलवार माता पार्वती की साधना आराधना के लिए उत्तम माना जाता है।
सावन महीने में पड़ने वाले मंगलवार के दिन भक्त मां पार्वती की विधि विधान से पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं। सावन में पड़ने वाले मंगलवार व्रत को मंगलागौरी व्रत के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से शादीशुदा जीवन की समस्याएं दूर हो जाती हैं साथ ही कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, तो आज हम आपको मंगला गौरी व्रत की तारीख और अन्य जानकारी प्रदान कर रहे हैं।

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मंगला गौरी व्रत की तारीख
आपको बता दें कि इस साल सावन महीने का आरंभ 11 जुलाई से होने जा रहा है। सावन का पहला मंगलवार 15 जुलाई को पड़ेगा और इसी दिन मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा। इसके बाद दूसरा मंगला गौरी व्रत 22 जुलाई को पड़ेगा। वहीं तीसरा मंगला गौरी व्रत 29 जुलाई को और चौथा मंगला गौरी व्रत 5 अगस्त को किया जाएगा।
मंगला गौरी पूजा विधि
मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें और साफ वस्त्रों को धारण करें। इसके बाद हाथ जोड़कर व्रत का संकल्प करें। पूजा स्थल पर एक चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं। इसके बाद माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। फिर घी का दीपक जलाकर माता पार्वती की प्रतिमा के पास रखें और षोडशोपचार विधि विधान से पूजा करें।
इसके बाद माता पार्वती को लौंग, सुपारी, इलायची, फल, पान, लड्डू, सुहाग का सामान और 16 चूड़ियां आदि भी चढ़ाएं। मंगला गौरी पूजा में 16 की संख्या में चीजें चढ़ाना शुभ माना जाता है। फिर व्रत कथा का पाठ करें और अंत आरती करें। माना जाता है कि इस विधि से मां गौरी की पूजा करने से उत्तम फल की प्राप्ति होती है और कष्टों का समापन हो जाएगा।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां पौराणिक कथाओं,धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।खबर में दी जानकारी पर विश्वास व्यक्ति की अपनी सूझ-बूझ और विवेक पर निर्भर करता है।प्राइम टीवी इंडिया इस पर दावा नहीं करता है ना ही किसी बात पर सत्यता का प्रमाण देता है।