Mamta Kulkarni News : प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़े ने एक बड़ा कदम उठाया है। किन्नर अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर पद से हटा दिया है। इसके साथ ही, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को भी आचार्य महामंडलेश्वर पद से हटा दिया गया है। यह फैसला अखाड़े में जारी विवादों और मुद्दों के बीच लिया गया है।
Raed more: Mahakumbh Fire: महाकुंभ में फिर लगी आग…कई पंडाल जलकर हुए खाक, जांच में जुटे अधिकारी
ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण के बीच विवाद

कुछ समय पहले, किन्नर अखाड़े ने ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर का पद प्रदान किया था, जिसके बाद से विवादों की शुरुआत हो गई थी। ममता कुलकर्णी, जो एक समय बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री रह चुकी थीं, को इस पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन उनकी नियुक्ति को लेकर लगातार आलोचनाएं हो रही थीं। इसके बाद अब अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने इस विवाद को सुलझाने के लिए ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण को उनके पदों से हटा दिया।
महामंडलेश्वर पद से हटाए जाने के बाद क्या हुआ?

ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का पद से हटाए जाने का फैसला अखाड़े की आंतरिक समस्याओं को सुलझाने के उद्देश्य से लिया गया था। इस निर्णय के बाद किन्नर समाज में इन दोनों के खिलाफ आक्रोश भी देखा गया। हालांकि, अखाड़े के संस्थापक का मानना है कि यह कदम किन्नर समाज की एकता और अखाड़े के विकास के लिए जरूरी था।
महाकुंभ में किन्नर अखाड़े की भूमिका
महाकुंभ के दौरान किन्नर अखाड़ा विशेष महत्व रखता है। यह अखाड़ा हर साल महाकुंभ के समय में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है और लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बनता है। किन्नर अखाड़े का प्रमुख उद्देश्य समाज में भेदभाव को समाप्त कर सभी को समान अधिकार देना है। महाकुंभ में किन्नर समाज के लोग शाही स्नान करते हैं और समाज को एकता का संदेश देते हैं।

इस विवाद के बीच, किन्नर अखाड़े के भीतर जो बदलाव हुए हैं, वे इस बात का संकेत हैं कि समाज में आंतरिक सुधार के प्रयास जारी हैं। यह कदम अखाड़े की छवि को सुधारने के लिए उठाया गया है ताकि भविष्य में इस तरह के विवादों से बचा जा सके।