Sandeshkhali घटना पर ममता सरकार को SC से राहत,अगली सुनवाई तक प्रिविलेज कमेटी के नोटिस पर लगाई रोक

Aanchal Singh
By Aanchal Singh

West Bengal: पश्चिम बंगाल के संदेशखाली विवाद पर राजनीति गरमायी हुई है. महिलाओं के कथित उत्पीड़न को लेकर दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. पश्चिम बंगाल सरकार को कोर्ट से राहत मिली है. अदालत ने विशेषाधिकार समिति के नोटिस पर रोक लगा दी है. पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले को कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच के सामने उठाया.

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वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में पेश की दलील

बता दे कि वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि ‘संदेशखाली में धारा 144 लगी हुई थी. ऐसे में धारा-144 का उल्लंघन करके की गई राजनीतिक गतिविधि विशेषाधिकार का हनन नहीं हो सकती.’इस पर अदालत ने कहा कि हमने याचिका पढ़ी नहीं है, इसलिए बाद में इसको लिस्ट करते हैं. सिब्बल ने कहा कि नोटिस पर अधिकारियों को आज ही पेश होने के लिए बुलाया गया है. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई जारी रखी.

कोर्ट ने अगली सुनवाई तक लगाई रोक

इसके बाद वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि मुख्य सचिव, डीएम और पुलिस कमिश्नर मौके पर मौजूद नहीं थे, लेकिन उसके बाद भी प्रिविलेज कमेटी ने उनको तलब किया. सिंघवी ने साथ ही बताया कि इस तरह का ही एक मामला झारखंड का था, जहां अदालत ने राहत दी थी. कोर्ट ने बंगाल सरकार की तरफ से पेश दोनों वकीलों की दलीलें सुनी. उसके बाद कोर्ट ने प्रिविलेज कमेटी की नोटिस पर अगली सुनवाई तक स्टे लगा दिया है. कोर्ट ने इस मामले में लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी करते हुए चार हफ्तों में जवाब मांगा है.

RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा..

आपको बता दे कि संदेशखाली की घटना पर RJD सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि, “इस तरह की घटना किसी भी राज्य में हो उसे राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए. संदेशखाली मे जो हो रहा है, आप उसका राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं. राज्यों को एक पोलराइज वातावरण में झोंक देना चाहते हैं जो स्वस्थ लोकतंत्र के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है.”

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