ध्वजारोहण के साथ कल से मलमास मेला शुरू

Sharad Chaurasia
By Sharad Chaurasia
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  • मलमास मेला

बिहार (नालंदा): संवाददाता- वीरेंद्र कुमार

नालंदा। हर तीन साल पर राजगीर में मलमास मेला का आयोजन किया जाता है। इस साल 18 जुलाई से ध्वजारोहन के साथ मलमास शुरू हो जाएगा। ब्रह्मा जी ने राजगीर में 22 कुंड और 52 जलधाराओं का निर्माण किया था। मलमास के दौरान कई शाही स्नान होता है। जिसमें साधु संतों के अलावा दूर दूर से श्रद्धालु आकर गर्म कुंड में स्नान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि मलमास के दौरान 33 करोड़ देवी-देवता राजगीर में ही वास करते हैं।

यहां के बह्मकुंड परिसर के सप्‍तधारा कुंड में सुबह से ही स्नान करने वालों का तांता लगा रहता है। किवदंती के अनुसार कहा जाता है कि यहां मलमास के एक महीने तक राजगीर में कौआ नजर नहीं आते हैं। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है। ऐसी मान्यता है कि भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र राजा वसु ने राजगीर के ब्रह्मकुंड परिसर में एक यज्ञ का आयोजन किया था। इस यज्ञ में राजा वसु ने सभी 33 करोड़ देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया था और वे सभी यहां पर पधारे थे, लेकिन राजा वसु काग महाराज (कौआ) को निमंत्रण देना भूल गए।

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जिससे नाराज होकर कौआ यहाँ से चले गए थे। उसके बाद से मलमास के दौरान राजगीर के आसपास काग महाराज कहीं दिखाई नहीं देते हैं। मलमास मेला में राजगीर आने वाले श्रद्धालु के लिए स्टेट गेस्ट हाउस मैदान में आवासन के लिए टेंट सिटी का निर्माण पर्यटन विभाग द्वारा किया गया है । विभिन्न प्रकार के अस्थाई संरचनाओं में टेंट सिटी, प्रतिक्षालय पंडाल, यूरिनल, शौचालय, चेंजिंग रूम, मेडिकल सेंटर, नियंत्रण कक्ष, पुलिस आउटपोस्ट, वॉच टावर, गंगा जल प्याऊ की व्यवस्था की गयी है | 19 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरस्वती नदी पर आयोजित गंगा आरती में शामिल होगें। इसके पूर्व भी वो दो बार तैयारी का जायजा ले चुके हैं।

ध्वजारोहन के साथ राजगीर मलमास मेला शुरू

ब्रह्मकुण्ड में आरती के बाद फलाहारी बाबा ने किया ध्वजारोहण

ध्वजारोहण के साथ आज से राजगीर में मलमास मेले की शुरुआत हो गई । सिमरिया धाम के महंत फलहारी बाबा ने ब्रह्मकुण्ड में आरती के बाद यज्ञशाला में ध्वजारोहन कर पवित्रमास मलमास मेले की शुरुआत की । आज से 33 कोटी देवी-देवता 1 महीने तक राजगीर में ही प्रवास करेगें । 18 जुलाई से 16 अगस्त तक 1 महीने तक चलने वाले पुरुषोत्तम मास मेला की शुरुआत हो गई है।

श्रद्धालुओं को वितरण किया गया प्रसादः

इस मौके पर आए श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। इस मौके पर पंडा समिति के अध्यक्ष नीरज उपाध्याय, सचिव विकास उपाध्याय, कोषाध्यक्ष ओमकार नाथ उपाध्याय समेत पंडा समिति के अन्य सदस्य मौजूद रहे। ऐसी मान्यता है कि अधिक मास में सनातन धर्म के 33 कोटि देवी देवता 1 महीने तक राजगीर में ही प्रवास करते हैं। प्राचीन वैभवशाली मगध साम्राज्य की हृदयाशाली समृद्ध धार्मिक विरासत के सृजन भूमि राजगृह में चार शाही स्नान होंगे।
राजगीर में 22 कुंड एवं 52 जल धाराओं में इस बार श्रद्धालु स्नान कर सकेंगे। सभी कुंड एवं जल धाराओं का जीर्णोद्धार कराया गया है। जिसमें सबसे खास वैतरणी नदी है। इस नदी तट को लोग प्राचीन समय से ही गाय की पूंछ पकड़कर पार किया करते थे। ऐसी मान्यता है कि ऐसा करने से उन्हें सीधे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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